प्रशांत किशोर की राजनीति से कांग्रेस में भूचाल, कई नेता उतरे विरोध में

नई दिल्ली। जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) के लिए उप्र में दिनों-दिन चुनौती बढ़ती जा रही है। रीता बहुगुणा जोशी सहित कई विधायकों ने प्रशांत किशोर पर प्रहार किए हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। कांग्रेस में पहले राहुल गांधी की छवि को लेकर सवाल उठाए जाते थे लेकिन अब प्रशांत किशोर की इमेज भी दांव पर लग गई है। दरअसल कांग्रेसी नेता पार्टी छोडक़र जा रहे हैं और इसके लिए प्रशांत किशोर को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को कई बार मुश्किल दौर से भी निकाला है, यूपी में राहुल की खाट सभा ने पूरे देशभर में चर्चा बनाई।हालांकि कांग्रेस छोडक़र जाने वालों नेताओं का कहना है कि प्रशांत के व्यवहार काफी खराब है और कई नेता उनके इसी व्यवहार से खिन्न हैं। अब सवाल खड़े हो गए है कि क्या पीके की वजह से ही नेता पार्टी छोड़ रहे हैं या अंदर की कोई ओर बात है। राज्य स्तर के नेताओं को लगता है कि पार्टी में उनसे ज्यादा तवज्जो प्रशांत किशोर को मिल रही है। जो प्रशांत किशोर चाहते हैं उप्र कांग्रेस में वही होता है। इसलिए कांग्रेस को प्रशांत किशोर नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। रीता बहुगुणा जोशी का जाना कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक रूप से पूरे चुनाव में परेशान करेगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने यह कहकर नई बहस छेड़ दी है कि प्रशांत किशोर उनके नेता नहीं हैं। वे चुनाव प्रचार की रणनीति बनाते हैं और उनकी भूमिका वहीं तक सीमित है।
इन विधायकों ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ
उप्र में कांग्रेस के 28 विधायक थे जिनमें से पांच भाजपा, तीन बसपा और एक सपा में शामिल हो चुके है। इनके नाम हैं रीता बहुगुणा जोशी, मुकेश कुमार श्रीवास्तव, मोहम्मद मुस्लिम, नवाब काजिम अली, दिलनवाज खान, माधुरी वर्मा, संजय प्रताप जायसवाल, विजय कुमार दुबे, प्रदीप कुमार चौधरी।