परिवहन विभाग में अधिकारी कर्मचारी कर रहे करोड़ों का खेल

परिवहन विभाग में अधिकारी कर्मचारी कर रहे करोड़ों का खेल
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ग्वालियर। परिवहन विभाग शासन के मलाईदार विभागों में से एक है। इसमें पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी एक वर्ष में विभिन्न बेरियरों से करोड़ों रुपए के वारे-न्यारे करते हैं। सूत्रों के अनुसार ग्वालियर अंचल के भिण्ड, शिवपुरी, दतिया, श्योपुर,बिलौआ आदि बैरियरों से एक वर्ष में लगभग एक हजार करोड़ रुपए की उगाही परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही है, जबकि शासन को राजस्व के नाम पर 600 से 800 करोड़ रुपए ही मिल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस विभाग में पदस्थ अधिकारी ही नहीं बाबू भी करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक हैं। सूत्रों के अनुसार इन सभी बैरियरों पर परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव के चहेते और करीबी कर्मचारी पदस्थ हैं, जिनके माध्यम से वह मोटी कमाई कर रहे हैं, वहीं आयुक्त का संरक्षण होने के कारण उन्हें किसी का कोई भय नहीं है। सूत्र बताते हैं कि यह स्थिति केवल ग्वालियर जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में है।

मात्र दस दिन चला था अभियान
उल्लेखनीय है कि परिवहन मंत्री के निर्देश पर अवैध बसों के परिचालन पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा एक से पन्द्रह सितम्बर तक विशेष जांच अभियान चलाया गया था। यह अभियान मात्र दस दिन ही चलकर बंद हो गया।

ऐसे होती है वसूली
उल्लेखनीय है कि इन सभी बैरियरों पर दिन भर वाहनों का आना जाना लगा रहता है, इनमें अधिकांश वाहन नियम विरुद्ध संचालित होते हैं लेकिन आयुक्त के संरक्षण के चलते यह धड़ल्ले से और बेरोकटोक सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। इनमें भी बेरियर पर पर्ची आधे माल की ही काटी जाती है और शेष राशि अधिकारियों की जेब में जाती है।
यहां से भी होती है कमाई
परिवहन विभाग में वाहनों के परमिट जारी करने पर मोटी रकम वसूली जाती है। वाहनों के परमिट भी अधिकारियों को मोटी रकम देने वालों को दिए जा रहे हैं। इसी के साथ वाहनों के लायसेंस बनाने को लेकर भी मोटा माल कमाया जा रहा है। इन सभी के पीछे परिवहन आयुक्त का दिमाग काम कर रहा है।

‘हमारे विभाग में पैसों का कोई लेन देन नहीं होता। सभी कार्य ईमानदारी से होते हैं, यदि आपको और अधिक जानकारी प्राप्त करना है तो इस सम्बन्ध में मंत्री जी से बात करें।’

डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव
आयुक्त, परिवहन विभाग

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