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युद्ध से नहीं, पूर्ण बहिष्कार से मिलेगा चीन को सबक-डाॅ. संजीव यादव

युद्ध से नहीं, पूर्ण बहिष्कार से मिलेगा चीन को सबक-डाॅ. संजीव यादव
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-चीनी आयात घटने से बढ़ेगा भारत में उत्पादन व रोजगार
आगरा। पाकिस्तान के संरक्षक के रूप में खड़े चीन को सबक सिखना बेहद जरूरी है। देश में पहली बार स्वदेशी उत्पादों के प्रति लोगों की आत्मीयता कुछ ऐसी बढ़ी है कि भारत के 88 फीसदी लोग चीन की भूमिका से ना सिर्फ नाराज हैं बल्कि उसे सबक भी सिखाना चाहते हैं। चीनी वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित करके भारत सरकार ने एक जरूरी और प्रशंसनीय कदम उठाया है, जो कि सराहनीय है।
बहिष्कार से 25 प्रतिशत घटी बिक्री
चीन द्वारा कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगाने और बह्मपुत्र का पानी रोकने से नाराज भारत की जनता ने चीनी माल के बहिष्कार का जो फैसला लिया, उसके परिणाम स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। देश भर में चीनी माल के बहिष्कार के कारण चीन के सामान की बिक्री 20 से 25 प्रतिशत कम हुई है। जनता के रुख को देखते हुए भारतीय व्यापारी भी कह रहे हैं कि अब वे अगली बार से चीन से माल आयात नहीं करेंगे। गौरतलब है कि पिछले कई सालों से चीन से आयात बढ़ता ही जा रहा था।
चीन से व्यापारिक सम्बंध घाटे के
जहां वर्ष 1987-88 में चीन से कुल आयात मात्र 150 लाख (0.015 अरब) डालर ही था, जो 2015-16 तक बढ़ते हुए 61.7 अरब डालर तक पहुंच गया। उधर चीन को होने वाले निर्यात 2015-16 में भी मात्र नौ अरब डालर ही थे, जिसका असर यह हुआ कि चीन से भारत का व्यापार घाटा 2015-16 में बढकर 52.7 अरब डालर तक पहुंच गया। भारत का कुल व्यापार घाटा 2015-16 में 118.4 अरब डालर था यानी देखा जाए तो अकेले चीन से व्यापार का घाटा कुल घाटे का 45 प्रतिशत था।
चीनी माल के बहिष्कार से भारत में बढ़ेगा उत्पादन
चीन से आयात घटने का पहला सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण असर यह होगा कि इससे देश में उन वस्तुओं का उत्पादन बढने लगेगा, जिनकी आपूर्ति चीनी माल से होती थी। इससे देश में उत्पादन और रोजगार दोनों में वृद्धि होगी। इस बहिष्कार का दूसरा महत्त्वपूर्ण असर यह होगा कि डालर की मांग घटने से रुपए पर दबाव कम होगा और रुपया मजबूती की ओर आगे बढ़ेगा और वर्तमान में रुपया जो 66 से 67 रुपए प्रति डालर पर है, वह सुधरता हुआ 62 रुपए प्रति डालर तक आ सकता है। रुपए का सुधरना देश के लिए अत्यंत मंगलकारी सिद्ध हो सकता है, क्योंकि रुपए के सुधरने से हमारे तेल का आयात बिल भी कम होता है। साथ ही हमारी विदेशी मुद्रा भी बचेगी।
जनता सिखाएगी चीन को सबक
हमें युद्ध लड़कर नहीं अपितु चीनी सामान का बहिष्कार करके चीन को सबक सिखाना चाहिए। क्योंकि चीन के सामान का बहिष्कार करते ही वह दबाव में आएगा। अमरीका से लेकर जापान-दक्षिण कोरिया और अधिकांश यूरोपीय देश चीन की चालों को समझते हैं। दुनिया में अलग-थलग पडने के डर ने चीन को पाकिस्तान का हमदर्द बनने को विवश किया है। ऐसे में यदि भारतीय जनता चीनी सामान का बहिष्कार करने लगे तो उसे पाक की कुटिल चालों से दूरी बनाने को मजबूर होना पड़ेगा। जो काम भारत की सरकार नहीं कर सकती वह काम देश की जनता करके दिखा सकती है।
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(लेखक प्रबंधक-जसराना डिग्री काॅलेज, झपारा, जसराना, फिरोजाबाद ने निदेशक हैं।)

Updated : 24 Oct 2016 12:00 AM GMT
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