अद्वितीय छप्पनभोग की तैयारी अंतिम चरण में

अद्वितीय छप्पनभोग की तैयारी अंतिम चरण में
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मथुरा।
श्री गिर्राज सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में षरद पूर्णिमा पर 14 अक्टूबर को गिर्राज तलहटी में होने वाले अद्वितीय छप्पनभोग महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। महोत्सव की षुरूआत कल (आज) 13 अक्टूबर गुरूवार को होने वाले जड़ी-बूटियों के अद्भुत अभिशेक व गिर्राज महराज की संगीतमयी परिक्रमा के साथ होगी। इस महा आयोजन के लिए आन्यौर परिक्रमा मार्ग को फूलों की घाटी के रूप में तब्दील करने का काम षुरू कर दिया गया है।

पिछले 24 वर्शों से निरंतर गिर्राज भक्तजनों द्वारा आयोजित किये जाने वाले छप्पनभोग की व्यवस्थाओं के संबंध में श्री गिर्राज सेवा ट्रस्ट द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। षरद पूर्णिमा पावन बेला में गिर्राज तलहटी में होने वाले विषाल एवं भव्य छप्पनभोग स्थल पर कुछ ऐसे प्रयोग किये जा रहे हैं, जिससे महारास की लीला के दृश्य साकार हो सकें। गिर्राज महाराज का दुग्ध पंचामृत केसर एवं जड़ी बूटियों से अभिशेक पंडितों द्वारा वेद मंत्रों के साथ किया जायेगा। अभिशेक सुबह 10 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 1 बजे तक चलता रहेगा।
दानघाटी से गिर्राज तलहटी, गिर्राज तलहटी से गुरू षरणानंद आश्रम तक पांच तोरण द्वार बनाने का कार्य पूरा कर दिया गया है। प्रत्येक द्वार पर विद्युत एवं फूलों का कार्य चल रहा है।

श्री गिरवर निकुंज में साधु एवं वैश्णव सेवा का कार्य किया जायेगा। इसी स्थल पर छप्पनभोग सामिग्री बनाने का कार्य चल रहा है। 14 अक्टूबर को इसी स्थल पर बृज के प्रमुख संत एवं वैश्णवों की सेवा ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा की जायेगी। छप्पनभोग सामिग्री की व्यवस्था के लिए ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा मथुरा के प्रसिद्ध रमेश हलवाई द्वारा वैश्णव पद्धति से छप्पनभोग बनाया जा रहा है। गिर्राज छप्पनभोग 2111 टोकरियों में अद्भुत ढंग से सजाया जा रहा है। गिरवर निकुंज से छप्पनभोग स्थल तक छप्पनभोग सामिग्री को मानव श्रृंखला द्वारा पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है।

षरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में छप्पनभोग के महत्व को देखते हुए 40 फुट ऊंचा वाटरप्रूफ पंडाल तैयार हो चुका है। इस पंडाल को आकर्शक ष्वेत वस्त्रों व प्रकाष से सजाया जा रहा है। गिर्राज जी की वैश्णव पद्धति से नाथद्वारा षैली में श्रृंगार किया जायेगा। श्रृंगार की विषेशता होगी हीरा पन्ना एवं स्वदेषी फूल। इसमें कलकत्ता से गेंदा, रायवेल मैग्रेट और विदेषी फूल मंगाये गये हैं। जबकि बंगलौर से रजनीगंधा व कुंद के फूलों की व्यवस्था की गई है। ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा टीम अलग से गठित की गई है। भजन संध्या का कार्यक्रम रखा गया है। इसके लिए विरक्त संत पं. गया प्रसाद जी की समाधि के सामने विषाल एवं भव्य मंच बनाया जा चुका है। भजन संध्या के लिए विष्वविख्यात टी. सीरीज के कलाकार बुलाये जा रहे हैं जो श्री गिर्राज महाराज के भजनों का गुणगान करेंगे।
छप्पनभोग दर्षन दोपहर 2 बजे दीप प्रज्जवलित करके प्रारंभ होंगे जो रात्रि 12 बजे तक महाआरती के बाद बंद होंगे। श्री गिर्राज जी सेवा ट्रस्ट के सभी सदस्यों की एक मीटिंग में निर्णय लिया गया कि छप्पनभोग कार्यक्रम को अद्भुत एवं अनोखा रूप दिया जायेगा।

मीटिंग में प्रदीप मैंदा वाले, सुरेश लोहे वाले, दीनदयाल, विष्णु स्वरूप, मुकेष कुमार, डब्बू, एनएन भाटिया, अषोक सर्राफ, देवेन्द्र बंसल, चंद्रकिषोर, जयंती प्रसाद, दिलीप सर्राफ, पुरूशोत्तम सर्राफ, विजय माहेष्वरी, विपिन अग्रवाल, महेष बंसल, कृश्णदास, दिनेषचंद अग्रवाल, राम अग्रवाल आदि सभी उपस्थित थे। श्री गिर्राज सेवा ट्रस्ट के सभी सदस्यों को छप्पनभोग महोत्सव का अलग-अलग दायित्व सौंपा गया। श्री गिर्राज सेवा ट्रस्ट सभी भक्तजनों एवं परिक्रमार्थियों से आग्रह करती है कि इस विषाल महोत्सव में आकर दर्षन लाभ प्राप्त करें।

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