परोक्ष रूप से छात्र आंदोलनों का करते हैं समर्थन

अतिथि विद्वान डॉ. भदौरिया पर आरोप, कुलपति ने जांच के लिए की समिति गठित

ग्वालियर। यांत्रिकी संस्थान में पदस्थ अतिथि विद्वान डॉ. राममोहन सिंह भदौरिया पर गढ़ी विजयपुर निवासी सुल्तान सिंह ने आरोप लगाते हुए जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को गुरूवार को एक पत्र भेजा है।
इसपत्र में श्री कुशवाह ने डॉ. भदौरिया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, राम मोहन सिंह भदौरिया एन.एस.यू.आई. के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी हैं तथा जीवाजी विवि में आए दिन होने वाले आन्दोलनों में परोक्ष रूप से अपनी भूमिका निभाते हैं। साथ ही एन.एस.यू.आई. के दबाव के चलते जीविवि द्वारा मिलने वाली शोध छात्रवृत्ति नियम विरूद्ध तरीके से डॉ. भदौरिया को प्रदान की गई, जबकि नियमानुसार शोधार्थी की उम्र 30 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं पूर्व कुलपति श्री किदवई द्वारा डॉ. भदौरिया के विरूद्ध कई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध होने के कारण उनकी पीएचडी उपाधि जमा करने के आदेश दिए थे, लेकिन डॉ. भदौरिया द्वारा गोलमाल तरीके से उन्हें उपाधि प्रदान करवा दी गई। डॉ. भदौरिया के पास जिन महाविद्यालयों की उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन होने के लिए जाती हैं, उन महाविद्यलयों से प्रत्यक्ष बात करके डॉ. भदौरिया द्वारा पैसे मांगे जाते हैं। श्री कुशवाह द्वारा डॉ. भदौरिया के विरूद्ध विभिन्न मामलों पर कुलपति से गम्भीरता से परीक्षण करने की मांग की है। जिस पर कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला द्वारा डॉ. भदौरिया के खिलाफ प्राप्त शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। समिति में प्रो. रेनू जैन, प्रो. डी.सी. तिवारी, प्रो. एस.के. शुक्ला को शामिल किया गया है। साथ ही समिति की बैठक शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से भण्डार कक्ष में रखी गई है।

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