क्या कोई मंत्री जी आ रहे हैं!

आखिर क्यों लग रही है रात को झाडू, सड़कों पर साफ-सफाई देख आश्चर्य में हैं लोग

ग्वालियर। क्या कोई मंत्री जी आ रहे हैं? बुधवार को उन जगहों पर लोग एक-दूसरे से यही सवाल पूछ रहे थे जहां कि नगर निगम की कचरा गाडिय़ां घूम रही थीं और इस दौरान उनके साथ चल रहे सफाईकर्मी सड़कों पर पड़े एक-एक कागज, पन्नी आदि को समेट कर गाड़ी में डाल रहे थे। ये सवाल करने वाले वे लोग थे जिन्हें शायद यह नहीं मालूम कि दो दिन से स्वच्छ सिटी रैंकिग के लिए शहर में स्वच्छता अभियान की हकीकत जानने केन्द्रीय दल सर्वे के लिए आया हुआ है। इसी के चलते नगर निगम अमला शहर में इस तरह साफ-सफाई करने में जुटा हुआ है।
इन दिनों शहर के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में काफी साफ-सफाई दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं रात के समय भी सड़कों पर झाडू लगती देख लोग आश्चर्य में हैं। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छ सिटी रैंकिंग के लिए केन्द्र सरकार का दल इसके दायरे में आने वाले विभिन्न शहरों का सर्वे कर रहा है। इसी के तहत तीन सदस्यीय दल ग्वालियर प्रवास पर है। इधर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए नगर निगम ने एक से पन्द्रह जनवरी तक विशेष स्वच्छता अभियान चला रखा है। हालांकि अब भी शहर मे कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां कचरे के ढेर, नाले-नालियों में गंदगी और सड़कों तथा गलियों में सीवर उफन रहा है, जिससे लोग काफी परेशान हैं। स्थिति यह है कि कुछ जगहों पर तो अभी भी झाडू तक नहीं लग रही।
करोड़ों खर्च फिर भी गंदगी
हालांकि शहर में सफाई के लिए कई बार योजनाएं बनीं और करोड़ों रुपए भी खर्च हो गए लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है और लोगों को गंदगी से निजात नहीं मिली। एक ओर जहां स्वर्णरेखा की सफाई पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए कागजों पर खर्च हो जाते हैं लेकिन उसकी गंदगी साफ नहीं होती, वहीं जिस स्वर्णरेखा में बोट चलाने के लिए लाखों खर्च हो गए उसकी हालत भी आज बदतर है। स्थिति यह है कि इसमें गंदगी और कीचड़ जमा हो रही है,लेकिन निगम के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है।
करोड़ों खर्च फिर भी गंदगी
हालांकि शहर में सफाई के लिए कई बार योजनाएं बनीं और करोड़ों रुपए भी खर्च हो गए लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है और लोगों को गंदगी से निजात नहीं मिली। एक ओर जहां स्वर्णरेखा की सफाई पर प्रतिवर्ष लाखों रुपए कागजों पर खर्च हो जाते हैं लेकिन उसकी गंदगी साफ नहीं होती, वहीं जिस स्वर्णरेखा में बोट चलाने के लिए लाखों खर्च हो गए उसकी हालत भी आज बदतर है। स्थिति यह है कि इसमें गंदगी और कीचड़ जमा हो रही है,लेकिन निगम के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है।
शहरवासी भी जिम्मेदार
यह सही है कि शहर में गंदगी के लिए शहरवासी भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। जो कि कहीं भी कूड़ा-कचरा फेंक देते हैं। इसके साथ ही उस समय कचरा डालते हैं जबकि निगम की कचरा गाडिय़ां या सफाईकर्मी वहां से निकल जाते हैं। लेकिन यह भी सही है कि कई स्थानों पर सफाईकर्मी पहुंचते ही नहीं और दिनभर कचरा पड़ा रहता है जिसमें आवारा जानवर अठखेलियां कर उसे पूरे रास्ते में फैेला देते हैं। इसके साथ ही नाले-नालियों की गंदगी और उन्हें व्यवस्थित नहीं करने के लिए पूरी तरह निगम ही जिम्मेदार है।
केन्द्रीय दल ने दूसरे दिन भी किया सर्वे
ग्वालियर। स्वच्छ सिटी रैंकिंग के लिए शहर का सर्वे करने आए दल के सदस्यों ने बुधवार को दूसरे दिन शहर के विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया तथा सार्वजनिक स्थलों, सुलभ शौचालयों आदि पर निरीक्षण कर सफ ाई व्यवस्था देखी। इसके साथ ही सभी स्थानों पर आमजनों से चर्चा कर सफ ाई व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस दौरान दल ने नगर निगम अधिकारियों के साथ सार्वजनिक शौचालय, नदीपार टाल सामुदायिक शौचालय, न्यू अशोक कॉलोनी, गंदी बस्ती, उपनगर ग्वालियर में लधेडी, गदाई पुरा, तानसेन कॉलोनी, हजीरा चौराहा, किलागेट, रानीपुरा सहित अन्य क्षेत्रों का भ्रमण कर सार्वजनिक स्थलों एवं सार्वजनिक शौचालयों के बारे में भी सफ ाई व्यवस्था को देखा। इसके साथ ही दूसरे दल ने सिटी सेंटर स्थित होटल सेन्ट्रल पार्क के पास, महाराज बाड़ा क्षेत्र, नजरबाग मार्केट, नेहरु मार्केट, खासगी बाजार सुलभ शौचालय, दत्तमंदिर स्थित कंटेनर, सुभाष मार्केट, टोपी बाजार सुलभ शौचालय, गांधी मार्केट के बाद जीवाजी गंज से गुप्तेश्वर होकर गोलपहाडिय़ा आदि क्षेत्रों में सफ ाई व्यवस्था को देखा साथ ही इन क्षेत्रों में स्थित सार्वजनिक शौचालयों व मूत्रालयों का निरीक्षण कर नागरिकों से नियमित होने वाली सफ ाई व्यवस्था को लेकर चर्चा की।
पीछे अधिकारी आगे सफाई
केन्द्रीय दल के सदस्यों द्वारा जिन स्थानों पर निरीक्षण किया जा रहा था वहां उनसे आगे निगम का सफाई अमला चल रहा था, जो कि उनसे पहुंचने से पहले ही कचरा व अन्य गंदगी को साफ करता चल रहा था ताकि दल को सभी जगह सफाई व्यवस्था दुरुस्त मिले।

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