बीआरजीएफ का पैसा डकारने वाले सरपंच सचिवों पर दर्ज होगा आपराधिक प्रकरण ?

सरपंच, सचिवों से वसूली जाना है 37 लाख 70 हजार की राशि

गुना। बीआरजीएफ यानि बैकवर्ड रीजन ग्रंट फ्रंट प्रोगाम का पैसा डकारने वाले सरपंच, सचिवों के खिलाफ अब जिला पंचायत द्वारा सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। कार्रवाई के तहत ऐसे सरपंच, सचिवों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो सकता है। फिलहाल 11 सरपंच एवं सचिवों को जिला पंचायत की ओर से नोटिस थमाए गए है। इन सरपंच, सचिवों पर आरोप है कि उन्होने बीआरजीएफ योजना के तहत राशि का आहरण तो किया, किन्तु संबंधित काम नहीं कराए। हाल ही में योजना की समीक्षा के दौरान यह मामला अपर कलेक्टर एवं प्रभारी जिला पंचायत सीईओ नियाज अहमद खाँन की जानकारी में आया। इसके बाद नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पूर्ण की गई। नोटिस में तीन दिनों का समय सरपंच, सचिवों को राशि जमा कराने के लिए दिया गया है। अगर इस अवधि में उनके द्वारा राशि जमा नहीं कराई जाती है तो उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
जनपद ने नहीं दिखाई सख्ती
मामले को लेकर जानकारों का मामला है कि शुरुआती दौर में ही अगर संबंधित जनपद पंचायतों ने इस मामले को लेकर सख्ती दिखाई होती तो यह मामला इतना लंबा नहीं खिंचता। इतना ही नहीं योजना के तहत हुए कार्यों की समीक्षा भी जनपदों ने समय रहते नहीं की, जिससे यह मामला काफी देर बाद प्रकाश में आ सका। इसके अलावा जनपद पंचायत उक्त राशि की बसूली के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सक ीं हैं। लंबा समय गुजरने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
योजना की समीक्षा के दौरान हुआ खुलासा
बताया जाता है कि इस गड़बड़ घोटाले का खुलासा बीआरजीएफ योजना के कार्यों की समीक्षा के दौरान हुआ है। समीक्षा एडीएम एवं प्रभारी जिला पंचायत सीईओ नियाज अहमद खॅान ने की थी। इसी दौरान उनकी जानकारी में यह मामला आया था। जिसको लेकर बताया जाता है कि जिले की लगभग एक दर्जन पंचायतों में छह से आठ साल पहले बीआरजीएफ के कार्यों के लिए राशि भेजी गई थी। इन पंचायतों के तत्कालीन सरपंच और सचिवों ने उक्त राशि का आहरण तो कर लिया , किन्तु राशि से संबंधित काम नहीं कराए गए और पूरी की पूरी राशि हड़प गए। बताया जाता है कि शुरुआती दौर में तो संबंधित जनपद पंचायतों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और सरपंच, सचिवों से जवाब-तलब भी किया गया, किन्तु बाद में इसको लेकर ढील दे दी गई। लंबे समय तक जनपद पंचायतों से राशि वसूली को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया। इसके चलते बाद में पूरा मामला ही ठंडे बस्ते में चला गया।
तीन दिन में जमा कराएं राशि, वरना आपराधिक प्रकरण
बताया जाता है कि जिले की 11 पंचायतों के सरपंच, सचिवों को इस मामले को लेकर नोटिस जारी किए गए है। नोटिस में तीन दिन का समय राशि जमा कराने को लेकर दिया गया है, अन्यथा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की बात कही गई है। आपराधिक प्रकरण में सरपंच, सचिव पर गबन का मामला दर्ज कराया जाएगा। नोटिस को लेकर संबंधित जनपद सीईओ को भी नोटिस तुरंत तामिल कराने के लिए निर्देशित किया गया है। अगर कोई सरपंच, सचिव नोटिस लेने से इन्कार करता है, या उपलब्ध नहीं होता है तो उसके यहाँ नोटिस चस्पा करने के निर्देश जारी किए गए है। निर्देश के बाद संबंधित सरपंच, सचिवों में हड़कंप मचा हुआ है।
पुराने है मामले
बताया जाता है कि जिला पंचायत जिन मामलों में सख्ती दिखाने की कोशिश कर रही है, वह नए न होकर सालों पुराने है। कुछेक बार इन मामलों में सख्ती कर राशि वसूलने के प्रयास भी हुए, किन्तु सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद इनमें से कुछ मामलों को एसडीएम न्यायालय में भी दायर किया गया। एसडीएम न्यायालय में भी इन मामलों में सालों से सुनवाई चल रही है, किन्तु कोई निराकरण सामने नहीं आ सका है। कुछेक मामले तो 10 और 12 साल तक पुराने है। बताया जाता है कि अब एसडीएम न्यायालय के साथ ही उक्त मामलों में जिला पंचायत भी अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी। देखना यह है कि जिला पंचायत की सख्ती से सालों से अटके इन मामलों का निराकरण कर जनता के गाढ़े पसीने की कमाई के लाखों की राशि की वसूली हो पाती है या नहीं?

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