जनमानस
संस्कृति व शिक्षा प्रणाली
वर्तमान समय में हम जिस शिक्षा प्रणाली को ग्रहण कर रहे है उससे हम विकास की ओर जितना अधिक नहीं जा रहे है उससे कहीं अधिक विनाश की ओर अग्रसर हो रहे है, जिसका कि मुख्य कारण हमारी संस्कृति, मूल्यों, नैतिकताओं, का पतन होना और पाश्चात संस्कृति का वर्तमान में बड़ा प्रभाव होना जिसने की नई समस्याओं को जन्म दिया है, जिसमें प्रमुख रूप से आतंकवाद व ग्लोबल वार्मिंग आज विश्व के सम्मुख चुनौती बन कर खड़ी है। हम जिस भारत में रहते है उसकी संस्कृति में नदी, पत्थर, पशु, पक्षी, जानवर, मानव आदि को सभी को पूजनीय माना जाता है व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। जिसके कारण हमारे पुराने इतिहास पर दृष्टिकोण करे तो यह परिलक्षित होगा की हमारे यहां पर इस प्रकार की समस्याओं का जन्म ही नहीं हुआ था और मूल्यों, आदर्श, सद्भाव,आपसी-प्रेम आदि की भावना प्रबल थी, परन्तु आज हम जिस प्रकार की शिक्षा को अपना रहे है उसके कारण हमारी नैतिकता, मूल्यों, आदर्शो का पतन हो रहा हैं और हम कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं जिसका सीधा सा उदहारण है कि आज हम अंग्रेजी भाषा में ए से जैट तक आसानी से कोई भी बता सकता है परन्तु अ से ज्ञ तक आसानी से नहीं बोल पाते है ।
मनीष कुमार गुप्ता