'राष्ट्रगान' सुनते ही सिर गर्व से ऊंचा होता है : तेंदुलकर
मुंबई। सचिन तेंदुलकर ने अपने दिल की बात करते हुए कहा कि वह राष्ट्रगान सुनकर काफी गौरवान्वित हो जाते हैं। तेंदुल्कर ने कहा कि जब आप जन गण मन गा रहे हो तो आपका सिर हमेशा उंचा रहता है लेकिन जब आप मैदान के बीच में खड़े होकर ऐसा करते हो तो आपका सीना चौड़ा हो जाता है।
स चिन ने कहा कि और उस समय की अनुभूति आप कर ही सकते जब हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रगान गाते हैं। यह हमें एक धागे में जोड़ता है। सचिन ने कहा कि 2011 वर्ल्ड कप फाइनल से पहले दर्शकों से खचाखच भरे मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में राष्ट्रगान गाना उनके करियर का सबसे गौरवपूर्ण लम्हा था। तेंदुलकर ने इसका खुलासा द स्पोर्ट हीरोज एल्बम के विमोचन के दौरान किया। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब विश्व कप 2003 में सेचुरियन मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ खेले जा रहे मैच के दौरान राष्ट्रगान गाया जा रहा था तो मानो छाती चौड़ी और एक अजब ताकत की अनुभूति हो रही थी।
सचिन ने कहा जीवन में कई मकाम को मैंने छुआ और पाया लेकिन जब देश भक्ति और हमारे राष्ट्रगान का नाम आता है तो उस सुखद अनुभव को व्यक्त कर पाना बड़ा ही कठिन होता है। सचिन ने कहा की जैसे ही कानों में जन गण मन की आवाज आती हैं तो मन को सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। अपने मैच के दौरान अनुभव के साथ-साथ सचिन तेंदुलकर ने लोगों को भी यही सन्देश दिया की हमें किस तरह से अपने राष्ट्रगान ह्रदय से सम्मान करना चाहिए। तेंदुलकर 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद खिताब जीता था। इस वर्ल्डकप में युवराज सिंह ने यादगार प्रदर्शन किया था।