रिकवरी की आशंका से हो रहे हैं लाखों के निर्माण
अधिकारियों के निरीक्षण के बाद सक्रिय हुईं पंचायत
मुरैना/जौरा। जनपद पंचायत जौरा की बघौरा खुर्द ग्राम पंचायत के भगतपुरा, हरिभान का पुरा के ग्रामीण इन दिनों पंचायत क्षेत्र में कराये जा रहे निर्माण कार्यों की गति देखकर हैरान हैं। ग्रामीणों को सबसे बड़ी हैरानी उस समय हुई जब हरिभान का पुरा से धोबी की पुलिया तक लगभग 500 मीटर से अधिक खरंजा निर्माण कार्य को दिन-रात में काम कराया गया। निर्माण कार्यों की तेज गति इससे पूर्व ग्रामीणों ने कभी नहीं देखी। कुछ ग्रामीणों ने तो यह बताने से भी इंकार कर दिया कि यह काम कब और किसने स्वीकृत किया और इस काम को अब कौन करबा रहा है।
जानकारों के अनुसार विगत दिनों जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वर्मा के दौरे के बाद ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यों में अचानक तेजी आई है। ग्रामीणों का भ्रम विगत दिवस उस समय टूटा जब बुधवार की शाम कुछ ग्रामीणों की शिकायत पर मौका मुआयना करने अनुविभागीय अधिकारी जौरा आर. एस. बाकना पहुंचे। अनुविभागीय अधिकारी के अनुसार रूनीपुर रोड़ से हरिभान पुरा तक कई भागों में खरंजा निर्माण का काम मजदूरों द्वारा किया जा रहा था। मौके पर मिले मजदूरों ने बताया कि वे यह काम बघौरा ग्राम पंचायत के सचिव लोकेन्द्र शाक्य की देखरेख में कर रहे हैं। इस संबंध में सचिव लोकेन्द्र सिंह से पूछा कि यह काम वे किसके कहने पर कर रहे हैं तो वह इसका कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे सका।
दो वर्ष पूर्व हो गई राशि आहरण
जानकार सूत्रों का दावा है कि ग्राम पंचायत में धोबी की पुलिया से हरिभान का पुरा खरंजा निर्माण के नाम पर वर्ष 2013 में 10 लाख रूपये से अधिक की राशि आहरित की जा चुकी है। मनरेगा की बेवसाईट पर यह काम संचालित के रूप में दर्ज है। जिससे प्रतीत होता है कि विभाग द्वारा अभी तक कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। बेवसाईट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत कराये गये उपरोक्त काम में अकुशल श्रमिकों को छह लाख से अधिक का भुगतान किया जाना दर्शाया गया है।
नियमों को रखा ताक पर
मनरेगा योजना के तहत प्रत्येक काम की मजदूरी का भुगतान ग्राम पंचायत के जॉब कार्ड धारी मजदूरों के नाम से उनके खातों में ही किये जाने का प्रावधान है। उपरोक्त काम का भुगतान कैसे हो गया एवं एवं अधिकारियों द्वारा काम का बैरीफिकेशन किस आधार पर किया यह भी एक बड़ा सबाल है,जिसका कोई समुचित जबाव पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अधिकारियों के पास नहीं है।
अधिकारियों की मिलीभगत भी चर्चाओं में
मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत में लाखों के निर्माण कार्य को कागजों पर दर्शाकर उसका भुगतान आहरण किये जाने के मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की मिली भगत भी चर्चाओं में है। जानकारों का कहना है कि इस मामले में तकनीकी अधिकारियों सहित जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के बरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। ग्राम पंचायत में जब कागजों पर निर्माण कार्य कराये जाने का राजफास हुआ तो इसी पंचायत में कुछ अन्य काम भी इसी प्रकार कागजों में दर्शाकर भुगतान ह$डपने की चर्चायें जोरों पर हैं। इनमें से बघौरा गांव में विशाल की चक्की के पास खेल मैदान निर्माण पत्थर खरंजा,एवं नाली निर्माण के कुछ अन्य काम भी इसी प्रकार कागजों पर कराये जाने की चर्चायें ग्रामीणों में जोरों पर हैं।