बुलाए थे 100, आए सिर्फ 70

मामला शिक्षकों के प्रशिक्षण का
ग्वालियर। मूक-बधिर और नेत्रहीन बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह पढ़-लिखकर अपना भविष्य उज्जवल बना सकें। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में शिक्षकों को ब्रेल लिपि एवं सांकेतिक भाषा का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विगत 16 जनवरी से प्रारंभ होकर 25 जनवरी तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में जिले भर से 100 शिक्षकों को बुलाया गया था, लेकिन इसमें सिर्फ 70 शिक्षकों ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जबकि 30 शिक्षक इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण से लापता हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षण से अनुपस्थित इन लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी है।
प्रशिक्षण के छठवें दिन गुरुवार को समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक आर.पी. सिंह ने प्रशिक्षु शिक्षकों को यह बताया कि मूक-बधिर बच्चों को अक्षर ज्ञान कैसे कराएं।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा के दौरान शिक्षकों और अभिभावकों को किन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि यह इनकी शिक्षा अधूरी न रहे और वे रोजगार से जुड़ सकें।
दो दिन बाद आए थे 10 शिक्षक:-
बताया गया है कि प्रशिक्षण प्रारंभ होने के दो दिन बाद अनुपस्थित 30 में से 10 शिक्षक आए भी थे। इन शिक्षकों का कहना था कि उन्हें मोबाइल पर एक दिन देरी से सूचना दी गई। इस कारण उन्हें आने में बिलम्ब हो गया, लेकिन उनके पास स्कूल से कार्य मुक्त होने संबंधी पत्र नहीं था। इसके अलावा प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों का प्री व पोस्ट टेस्ट हो चुका था। इस कारण प्रशिक्षण प्रभारी ओ.पी. दीक्षित ने उक्त 10 शिक्षकों को प्रशिक्षण में शामिल न करते हुए वापस लौटा दिया।
आज संस्थाओं का भ्रमण करेंगे प्रशिक्षु शिक्षक:- सभी प्रशिक्षु शिक्षक 22 जनवरी को जलालपुर स्थित अमर ज्योति विद्यालय एवं पुनर्वास केन्द्र, गोला का मंदिर स्थित आत्म ज्योति कन्या दृष्टिहीन विद्यालय और दृष्टिहीन व श्रवण बाधितार्थ उ.मा. विद्यालय आदि संस्थाओं का भ्रमण कर यह देखेंगे कि इन संस्थाओं में मूक-बधिर एवं दृष्टिहीन बच्चों को किस तरह से पढ़ाया जाता है।
इससे पहले सभी शिक्षक प्रात: 10 बजे शा. कन्या पद्माराजे उ.मा. विद्यालय कम्पू में एकत्रित होकर वहां से एक वाहन से रवाना होंगे।