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रिकार्ड प्रस्तुत ना करना पड़ा भारी

न्यायालय ने दिया विभागीय जांच का आदेश, मामला सुघर सिंह हत्याकांड का

ग्वालियर। आदेश के बावजूद सत्र न्यायालय का रिकार्ड न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत ना करने पर उच्च न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जताते हुए रजिस्ट्री को निर्देशित किया कि वह उस कर्मचारी की विभागीय जांच करें जिसकी गलती के चलते रिकार्ड न्यायालय में आने के बाद भी न्यायालय कक्ष में प्रस्तुत नहीं किया जा सका। 16 जुलाई 2006 को भाजपा नेता सुघर सिंह, जगदीश कुशवाह व सिंटू की गोले का मंदिर तिराहे पर हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में मोहर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई । जिस समय सजा सुनाई गई थी उस समय कल्याण व राम अवतार फरार थे, इसके चलते सत्र न्यायालय में इस मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है।
आजीवान कारावास की सजा काट रहे मोहर सिंह ने उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील प्रस्तुत की जिसमें उन्होंने जमानत पर रिहा किए जाने का आवेदन भी लगाया। उक्त आवेदन पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पूर्व में सत्र न्यायालय का रिकार्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। आदेश के पालन में रिकार्ड उच्च न्यायालय में रजिस्ट्री में तो आ गया लेकिन न्यायालय के पटल पर प्रस्तुत नहीं किया गया।
इस पर नाराजगी जताते हुए न्यायालय ने उक्त आदेश दिया। इस पर शिकायतकर्ता के अभिभाषक विजयदत्त शर्मा ने न्यायालय को बताया कि सत्र न्यायालय में इस प्रकरण की अगली सुनवाई 19 जनवरी को नियत है। रिकार्ड के अभाव में सुनवाई स्थगित ना हो जाए, इसलिए न्यायालय ने रजिस्ट्री को विशेष दूत के माध्यम से रिकार्ड पहुंचाने का आदेश दिया।

Updated : 14 Jan 2016 12:00 AM GMT
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