Home > Archived > युवाओं को कुशल बनाना भारत में सबसे बड़ी चुनौती: नायडू

युवाओं को कुशल बनाना भारत में सबसे बड़ी चुनौती: नायडू

युवाओं को कुशल बनाना भारत में सबसे बड़ी चुनौती: नायडू
X

नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने कौशल विकास में बड़ी भूमिका निभाने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान पर सकारात्‍मक प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। मुम्‍बई में आयोजित ‘कौशल पर राष्ट्रीय उद्योग सम्मेलन’ के दौरान भारत में कौशल विकास की चुनौतियों और अवसरों पर विस्‍तार से विचार-विमर्श किया गया।
सम्मेलन में केन्‍द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि युवाओं को कुशल बनाना भारत में सबसे बड़ी चुनौती है। भारत में व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित लोगों का अनुपात केवल 5.3 फीसदी है, जबकि जापान एवं दक्षिण कोरिया जैसे देशों और पश्चिमी यूरोप में यह सत्तर से नब्बे प्रतिशत है। उन्‍होंने कहा कि युवा हमारे देश के भविष्‍य हैं, उनकी अनेक अपेक्षाएं हैं और हमें इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एकजुट होना होगा।
नायडू ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्रों पर विचार करते समय हमें बीच में ही स्‍कूली और कॉलेज की पढ़ाई छोड़ देने वालों, स्‍नातकों एवं स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग, व्‍यावसायिक कौशल, कृषि एवं उससे संबद्ध गतिविधियों, शिल्प और स्व-सहायता समूहों को ध्‍यान में रखना होगा। केंद्रीय मंत्री नायडू ने सम्मेलन में बताया कि कौशल विकास में वृध्दि के लिए छह केन्‍द्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी, मनोहर पर्रिकर, चौधरी राव बीरेन्‍द्र सिंह, धर्मेन्‍द्र प्रधान, राजीव प्रताप रूडी और खुद उन्‍होंने उद्योग जगत की हस्तियों के साथ विस्‍तृत चर्चाएं कीं तथा उनसे कौशल विकास में और ज्‍यादा योगदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने युवाओं को सही कौशल प्रदान करने की जरूरत पर विशेष बल दिया और उद्योग जगत की हस्तियों से भारत के प्रत्‍येक जिले में कम से कम एक कौशल विकास केन्‍द्र स्‍थापित करने में मदद करने का अनुरोध किया।

Updated : 13 Jan 2016 12:00 AM GMT
Next Story
Share it
Top