पाक में हिरासत में लिया गया जैश सरगना मसूद अजहर!

पाक में हिरासत में लिया गया जैश सरगना मसूद अजहर!
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इस्लामाबाद, पाकिस्तान बुधवार पठानकोट हमले को लेकर हरकत में आ गया है। पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि भारत में पठानकोट में आतंकवादी हमले के मामले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसने जैश सरगना मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और उसके कार्यालय सील कर दिए गए हैं।
एक आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि पंजाब के पठानकोट में दो जनवरी को हुए आतंकवादी हमलों के संबंध में पाकिस्तान को भारत से अधिक जानकारी की जरूरत है। इस हमले में सुरक्षाबल के सात जवान शहीद हो गए थे। बयान के मुताबिक, नई दिल्ली से परामर्श कर इस्लामाबाद एक विशेष जांच दल पठानकोट भेजने पर विचार कर रहा है। बयान में कहा गया है, 'जेईएम से संबंध रखनेवाले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। संगठन के कार्यालयों की जांच-पड़ताल कर उन्हें सील किया जा रहा है। आगे जांच जारी है'। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकवादी हमले में कथित पाकिस्तानी मास्टरमाइंड के खिलाफ जांच की समीक्षा के लिए बुधवार सुबह एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद यह बयान जारी किया गया। भारत ने कहा है कि वायुसेना अड्डे पर हमला करनेवाले सभी छह आतंकवादी पाकिस्तानी थे और जैश-ए-मुहम्मद से ताल्लुक रखते थे।

कौन है मसूद अजहर
मसूद अजहर पठानकोट एयरबेस हमले का मास्टरमाइंड है। अजहर वही आतंकी है, जिसे 1999 में हाईजैक हुए इंडियन एयरलाइन्स के प्लेन को छुड़ाने अफगानिस्तान के कंधार ले जाकर रिहा किया गया था। पठानकोट के एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने पाकिस्तान के बहावलपुर में सैटेलाइट फोन के जरिए बातचीत की थी। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, अजहर बहावलपुर में ही रहता है। यहीं जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग देता है। पाकिस्तानी एजेंसियों ने उसे वहीं से हिरासत में लिया।
क्या था कंधार हाईजैक केस और भारत ने कितने आतंकी छोड़े थे...
24 दिसंबर, 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन्स के आईसी-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक किया था। हाईजैक करने के बाद प्लेन को अमृतसर, लाहौर और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले जाया गया था। दुबई में कुछ पैसेंजरों को छोड़ दिया गया। 25 साल के भारतीय नागरिक रूपिन कत्याल की लाश को आतंकियों ने प्लेन से बाहर फेंक दिया था। आतंकियों ने भारत के सामने 178 पैसेंजरों की हिफाजत के बदले तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया। उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों को छोडऩे का फैसला किया। भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था। इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया था।
नवाज के ऑफिस की तरफ से जारी स्टेटमेंट में क्या कहा गया है...
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के सुरक्षा हालात को लेकर मीटिंग बुलाई। इसमें नवाज सरकार के मंत्री, पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री, विदेशी मामलों के एडवाइजर, आईएसआई के डायरेक्टर जनरल, लाहौर कॉप्र्स कमांडर, डीजी इंटेलिजेंस और मिलिट्री-पुलिस के दूसरे बड़े अफसर मौजूद थे। मीटिंग में पाकिस्तान से आतंकवाद के खात्मे और पठानकोट अटैक से जुड़े लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई किए जाने की बात कही गई। जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर ऑर्गनाइजेशन के कई ऑफिस सील किए गए और आगे की कार्रवाई जारी है। पाकिस्तान सरकार एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम पठानकोट भेजेगी, जो जांच में भारत का सहयोग करेगी। पठानकोट आतंकी हमले के खिलाफ कार्रवाई में पाकिस्तान पूरी तरह से भारत के साथ है।
भारत ने पाकिस्तान को दिए थे सबूत
एयरबेस अटैक के टेररिस्ट ने जिन नंबरों से बात की थी, वे पाकिस्तान को दिए जा चुके हैं। वहां की जांच एजेंसी ने कहा था कि ये नंबर पाकिस्तान के नहीं हैं।

आतंकियों ने पाकिस्तान के किन नंबरों पर की थी बातचीत, कौन हैं हैंडलस...
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों ने भारत में घुसने के बाद पाकिस्तान के दो नंबरों 92-3017775253 और 92-300097212 पर बात की थी। आतंकियों की अपने 'उस्ताद और मां से यह बातचीत भारत में घुसने के बाद हुई थी। फोन किडनैप किए गए लोगों के मोबाइल से किया गया था।
- एयरबेस पर हमले की साजिश लाहौर के पास रची गई थी। आतंकियों को ट्रेनिंग पाकिस्तान के चकलाला और लायलपुर एयरबेस पर दी गई थी। हमले के वक्त आतंकियों के चारों हैंडलर्स पाकिस्तान के बहावलपुर, सियालकोट और शकरगढ़ में मौजूद थे। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर, उसका भाई रउफ असगर, उनके दो साथी अशफाक और कासिम हमलावरों को आदेश दे रहे थे। मसूद वही आतंकी है, जिसे 1999 में हाईजैक हुए एक प्लेन को छुड़ाने कंधार ले जाकर रिहा किया गया था।
कब की थी बात?
- +92 300097212 नंबर पर बात 31 दिसंबर की रात 9.12 मिनट पर की गई थी।
- यह फोन उस टैक्सी ड्राइवर एकाग्र सिंह का था, जिसे आतंकियों ने किडनैप करने के बाद मार डाला था।
- एक कॉल के दौरान 'उस्तादÓ आतंकियों से नाराज होते हुए कह रहा था कि उन्होंने एयरबेस में घुसने में इतनी देर क्यों लगा दी?
- ड्राइवर के फोन से एक कॉल की गई, जबकि उसी नंबर पर चार कॉल रिसीव की गई। ये चारों कॉल पाकिस्तान से की गई थीं।
- आतंकियों ने एकाग्र के मोबाइल से हैंडलर को पहले एक मिस कॉल दी।
आखिरी कॉल राजेश के फोन से
- छह में से एक आतंकी ने आखिरी फोन अपनी मां को किया। इसके लिए ज्वैलर राजेश वर्मा के फोन का इस्तेमाल किया गया था। राजेश गुरदासपुर के पूर्व एसपी सलविंदर सिंह का दोस्त है।
- यह कॉल 1 जनवरी को सुबह 8.30 पर की गई थी। इसके पांच घंटे पहले आतंकी एयरबेस पर हमला बोल चुके थे।
- बताया जाता है कि फोन पर आतंकी ने मां को बताया कि वे भारत में हैं। आतंकी की मां ने कहा था कि अपना ध्यान रखना और मरने से पहले कुछ खा लेना।
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इससे पहले भी पाकिस्तान सरकार कर चुकी है जैश पर कार्रवाई
पठानकोट हमला मामले में पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर को बुधवार को हिरासत में ले लिया। साथ ही जैश की मिलिट्री विंग के चीफ और मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ को भी हिरासत में ले लिया। ऐसा नहीं है कि पहली बार जैश पर कार्यवाही हो रही है। जैश को 2001 में भारत की संसद पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने जनवरी, 2002 में बैन कर दिया था और मसूद को नजरबंद कर दिया गया था।
बदल लिया था नाम
जैश ने तब अपना नाम बदलकर खुद्दम-उल-इस्लाम और जमात-उलफुरकन कर दिया था। पाकिस्तान ने तब जैश और लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को गिरफ्तार भी किया था, क्योंकि भारत ने संसद हमले के लिए इनको दोषी ठहराया था। मुशर्रफ की इस कार्यवाही पर तब के अमेरिकी राष्ट्रपति बुश ने भी तारीफ की थी।
क्या है जैश-ए-मोहम्मद?
जेल से आजाद होने के बाद पाकिस्तान में साल 2000 में मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद नाम से आतंकी संगठन का गठन किया। 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले को आतंकवादी गुट जैश-ए-मोहम्मद ने मसूद अजहर और खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर अंजाम दिया था। मुंबई में हुए धमाकों और जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों के पीछे मसूद अजहर का नाम आता है।

किसने बनाया जैश ए मोहम्मद
जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान का एक जिहादी संगठन है। इसे आतंकी मसूद अजहर ने मार्च 2000 में बनाया था। जनवरी 2002 में इसने अपना नाम बदलकर खुद्दम उल इस्लाम कर लिया था।
भारतीय जेल में था इसका सरगना
इसका सरगना मसूद अजहर एक समय भारतीय जेल में बंद था। वह 17 साल पहले 1999 में कांधार हाईजैक मामले में रिहा हुआ था। गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को 5 हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 यात्रियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के एक हवाई जहाज आईसी-814 को हाइजैक कर लिया था। इसके बाद आतंकियों ने भारत सरकार के सामने 178 यात्रियों की जान के बदले तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया था। भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए जिन तीनों आतंकियों को छोडऩे का फैसला किया था उनमें मसूद अजहर भी शामिल था।

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