अब बुजुर्गों को मिलेगा 'आलम्बन का सहारा

ग्वालियर। शहर में अब बुजुर्गों पर किेसी भी तरह का अत्याचार होगा तो उनकी समस्या का पुलिस तत्काल समाधान करेगी। इसके लिए सोमवार को 'आलम्बन हेल्पलाइन का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने किया।
पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने सोमवार को बताया आज बुजुर्ग आए दिन कोई न कोई समस्या से परेशान रहते हैं, स्थिति यह है कि उनका बेटा ही उन्हें धक्के खाने पर मजबूर कर रहा है। बुजुर्गों के साथ बढ़ते अत्याचार को ध्यान में रखते हुए 'आलम्बन हेल्पलाइन की श्ुारूआत की गई है। इसके लिए बकायदा एक प्रकोष्ठ का गठन किया गया है जिसमें नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण योगेश्वर शर्मा को नियुक्त किया गया है। वहीं प्रकोष्ठ प्रभारी निरीक्षक राधिका भगत और उप निरीक्षक पारूलसिंह को बनाया गया है। इस योजना में समाजसेवी भी मदद करेंगे। इनमें राजकुमार दत्ता, एमएल अरोरा, श्रीमती पुष्पा सिसौदिया, श्रीमती विमल जैन, श्रीमती नीरज जैन, श्रीमती सुधा जैन, श्रीमती कांता सहगल, अभिमन्यु जोशी, मधु भारद्वाज और श्रीमती रेणुका दत्ता शामिल हंै।
ये है उद्देश्य
बुजुर्ग एक ओर जहां हमारे मार्गदर्शक होते हैं, वही यह हमारी धरोहर भी हंै। यदि हम इनका सम्मान नही करेंगे तो जीवन में ऐसी सेवा से वंचित रह जाते हैं जिसके लिए भगवान ने हमें इस दुनिया में भेजा है। बुजुर्गों को आज सार्वजनिक जगह से लेकर बैंको, पोस्ट आफिस, निगम कार्यालय, पुलिस स्टेशन और राह में परेशानी के समय आदर सम्मान मिलना चाहिए जिसके वो हकदार हैं।
... तो होगी कांउसिलिंग
बुजुर्ग यदि अपने परिजनों से परेशान हैं और उनके बेटे-बहू उन्हें प्रताडि़त करते हैं तो इसके लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में परामर्श प्रकोष्ठ में इनकी काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके लिए पुलिस की ओर से निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी तैनात रहेंगे।
अकेले रहने वाले बुजुर्गों की जानकारी रहेगी थाने में
अपने घर में अकेले रहने वालें बुजुर्गों की जानकारी थाने मे ंएकत्रित की जाएगी। बीट में तैनात पुलिसकर्मियों को एक रजिस्टर दिया जाएगा। महीने में एक बार पुलिसकर्मी इनके घर जाकर हालचाल भी पूछेंगे। ऐसा इसलिए किया जाएगा जिससे अकेले रहने वाले बुजुर्गों को बदमाश अपना निशाना न बना सकें।
शहर में अनूठी पहल
मानवीयता को ध्यान में रखते हुए ऐसी योजना को प्रारंभ करने के पीछे पुलिस अधीक्षक हरनिरायण चारी मिश्रा की सोच है कि आज कई बुजुर्ग दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हैं। आलम्बन योजना के लागू होने से उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा और जल्दी ही न्याय भी मिल जाएगा।

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