जांच पूरी करने सीबीआई को 31 मार्च तक का समय
व्यापमं फर्जीवाड़ा
ग्वालियर। व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोपियों के लिए बुरी खबर है। सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच पूरी करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है। ऐसे में यह कयास लगना शुरू हो गए हैं कि मार्च के बाद ही आरोपियों को जमानत का लाभ मिल पाएगा। वहीं उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश के संबंध में याचिकाकर्ताओं के अभिभाषकों से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
सोमवार को उच्च न्यायालय में व्यापमं फर्जीवाड़े के कई आरोपियों की जमानत याचिका सुनवाई के लिए लगी थी। सीबीआई का पक्ष रखते हुए सहायक महान्यायवादी विवेक खेड़कर ने न्यायमूर्ति यू.सी. माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति एस.के. गुप्ता की युगलपीठ को बताया कि 14 दिसम्बर 2015 को सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोपी पवन राजपूत की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया।
साथ ही सीबीआई को यह निर्देश दिया कि वह 31 मार्च तक इस मामले की जांच पूरी कर ले। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई से यह पूछा कि जांच पूरी हुई है अथवा नहीं? इस पर न्यायालय को बताया गया कि जांच अभी चल रही है और उसके लिए आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की भी आवश्यकता है।
इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को 31 मार्च तक जांच पूरी करने का निर्देश दिया, साथ ही आरोपियों को जमानत के लिए 31 मार्च के बाद सत्र न्यायालय में उचित आवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा। इस पर उच्च न्यायालय ने सभी मामलों को आगे बढ़ा दिया। कुछ प्रकरणों की सुनवाई 19 जनवरी को तो कुछ प्रकरणों की सुनवाई 20 जनवरी को नियत की गई है।