जनवरी के दूसरे सप्ताह में भी ठंड का व्यापक असर नहीं
ग्वालियर। मौसम का मिजाज इस बार सभी की समझ से परे है। जनवरी के दूसरे सप्ताह में भी ठंड का व्यापक असर नहीं है। मौसम विभाग भी मान रहा है कि पिछले सालों की अपेक्षा इस बार ठंड का असर कम है, लेकिन मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिन बाद मौसम में थोड़ा बदलाव आएगा और हल्की ठंड बढ़ेगी।
इस साल ठंड का व्यापक असर नहीं होने के पीछे एक अहम वजह यह भी बताई जा रही है कि थोड़े-थोड़े अंतराल में चक्रवात और प्रति चक्रवात जैसे कई सिस्टम बन रहे हैं।
इसी बीच अरब सागर से आने वाली हवाओं में नमी भी रहती है, जिससे रात का तापमान गिरता नहीं है। इधर उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ गुजरने के बाद उत्तरी हवाएं तो आती हैं, लेकिन मध्य भारत में आकर उत्तरी और दक्षिणी हवाएं जब आपस में टकराती हैं तो हवाओं का रुख बदल जाता है। इससे ठंड पर विराम लगा हुआ है।
रात का पारा गिरा
रविवार को रात के पारे में कमी तो दिन के पारे में वृद्धि दर्ज की गई है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार आज दिन का अधिकतम पारा गतरोज की अपेक्षा 2.4 डिग्री उछाल के साथ 27.9 डिग्री पर पहुंच गया, जो औसत से 5.2 डिग्री अधिक है, जबकि रात का न्यूनतम पारा 2.4 डिग्री गिरावट के साथ 7.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो औसत से महज 0.5 डिग्री कम है। इसी प्रकार सुबह हवा में नमी 87 और शाम को 43 फीसदी दर्ज की गई, जो सामान्य से क्रमश: 11 व 07 फीसदी अधिक है।
प्रति चक्रवात के कारण बढ़ा हुआ है पारा
मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के सेवानिवृत्त निदेशक डी.पी. दुबे का कहना है कि इस बार मध्यप्रदेश के ऊपर लगातार प्रति चक्रवात (एन्टी साइक्लोन) बना हुआ है, जिससे हीटिंग होती है। इसके अलावा विण्ड पैटर्न भी सैट नहीं हो पा रहा है। हवाएं उत्तर की ओर से नहीं आ रही हैं। जम्मू-कश्मीर में जितनी बर्फबारी होना चाहिए, उतनी नहीं हो रही है। सर्दियों के दिनों में इस बार बारिश भी छुटपुट ही हुई है। इन्हीं तमाम कारणों से इस बार पिछले कुछ दिनों से मध्यप्रदेश में तापमान चार से पांच डिग्री तक बढ़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि मौसम के बदले इस मिजाज के चलते आने वाले दिनों में भी न तो शीत लहर जैसी स्थिति बनने की संभावना है और न ही पारा ज्यादा नीचे जाने की उम्मीद है।
सर्दियों में पारे ने तोड़ा रिकार्ड
मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के सेवानिवृत्त निदेशक डी.पी. दुबे के अनुसार गुजरे पांच-छह सालों की अपेक्षा जनवरी में इस बार तापमान काफी बढ़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में जनवरी में तापमान 4 डिग्री, 2011 में 2 डिग्री, 2012 में 3 डिग्री, 2013 में 1 डिग्री, 2014 में 4 डिग्री एवं वर्ष 2015 में 5 डिग्री तक नीचे चला गया था, लेकिन इस बार जनवरी में तापमान 7 से 12 डिग्री तक पहुंच रहा है।