राष्ट्रपति ने बच्चों को पढाया इतिहास और संविधान
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज बच्चों को भारत का इतिहास पढ़ाते हुए उनसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की । इस दौरान उन्होंने बच्चों को भारत के संविधान की रूपरेखा के बारे में भी बताया। राष्ट्रपति ने बच्चों को बताया कि 300 लोगों ने जतन से लंबे अंतराल में भारत का सविधान बनाया है तथा सविधान को बनाने की प्रकिया भी पूरी तरह लोकतांत्रिक रही।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले गुरूवार को दिल्ली सरकार के आग्रह पर प्रेसीडेंट स्टेट स्थित सर्वोदय स्कूल में बच्चों की क्लास लेते हुए उनसे अपने अनुभव साझा कियेI इस दौरान उन्होंने बच्चों को बताया कि भारत की आज़ादी से लेकर संविधान पारित होने में आखिर तीन साल का समय क्यों लगा। राष्ट्रपति के अनुसार यह एक बहुत ही पेचीदा विषय था। इसके लिए 300 सदस्यों ने संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया। उन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख करते हुए कहा कि सविधान के उददेश्य को तय करने में जवाहरलाल नेहरू ने काफी काम किया था। उन्होंने कहा कि संविधान में न्याय एवं समानता की बात की गई।
इस दौरान उन्होंने बच्चों को अपने विद्यार्थी जीवन और बचपन के बारे में बताते हुए कहा कि मेरा स्कूल मेरे गांव से 5 किलोमीटर दूर था । मैं अधिक कुशाग्र छात्र नहीं था और बचपन में बहुत शरारत करता था। प्रतिदिन मेरी माता के पास मेरी शिकायत आती थी। उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्होंने बहुत मेहनत की है। ग्रेजुएशन की शिक्षा पूरी होने तक गांव में बिजली और अन्य सुविधाऐं भी नहीं थीं, लेकिन उन्होंने मेहनत की। उन्होंने कहा कि पहले का पाठ्यक्रम और वर्तमान पाठयक्रम काफी अलग है।