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भाई के हत्यारे को आजीवन कारावास

भिण्ड। अपर सत्र न्यायाधीश लहार पीके शर्मा की अदालत ने हत्या के मामले में आरोपी भाई को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगाया है। इसके अतिरिक्त एक अन्य धारा के तहत आरोपी को दस वर्ष की सजा एवं 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है। न्यायाधीश ने अपने अहम फैसले में स्पष्ट किया है कि दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। मामले के तीन अन्य आरोपियों को अदालत ने दोष सिद्ध न होने पर बरी कर दिया।
अपर लोक अभियोजक सुधीर पिहानी ने बताया कि मामला दबोह थाना क्षेत्र के ग्राम फरदुआ का है। 24 अक्टूबर 14 के दोपहर करीब तीन बजे सियाशरण शर्मा की कोठी पर मंगल सिंह बाल्मीक का शव थाना पुलिस को मिली थी। शिनाख्त के बाद मृतक के शव को अंत:परीक्षण के लिए अस्पताल भेज दिया और मृतक की पत्नी संध्या उर्फ राधा पत्नी मंगल सिंह बाल्मीक निवासी ग्राम फरदुआ की रिपोर्ट पर थाना पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी। विवेचना के दौरान फरियादिया एवं अन्य लोगों के वयानों के आधार पर मृतक का सगा भाई कृष्णा उर्फ किसमान पुत्र सेवाराम बाल्मीक निवासी फरदुआ आरोपी निकला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और बाद विवेचना प्रकरण का चालान अपर सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अभियोजन के अनुसार घटना की कहानी इस प्रकार बताई गई है कि आरोपी संध्या उर्फ राधा से शादी करना चाहता था लेकिन उसकी शादी मंगल सिंह से हो गई थी। इसी बात को लेकर वह नाराज था। इसी के चलते आरोपी ने मौका पाकर अपने सगे भाई मंगल सिंह की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। न्यायाधीश पीके शर्मा ने प्रकरण की सुनवाई के बाद दोष सिद्ध पाते हुए आरोपी कृष्णा उर्फ किसमान पुत्र सेवाराम बाल्मीक निवासी फरदुआ को हत्या के मामले में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रु. की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा 366 के तहत 10 साल का अतिरिक्त कारावास एवं 10 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना मृतक की पत्नी संध्या को दिलाने का भी आदेश दिया।

Updated : 4 Sep 2015 12:00 AM GMT
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