भिण्ड-इंदौर इंटरसिटी का कोच हुआ बेपटरी

एक घंटे बाधित रहा यातायात, शताब्दी चली देरी से


ग्वालियर। इंदौर जाने वाली इंटरसिटी का सामान्य कोच रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को उस समय बेपटरी हो गया जब कि ट्रेन को साफ-सफाई के लिए यार्ड से उसे बॉशिंग पिट पर ले जाया जा रहा था। तीन घंटे की मशक्कत के बाद किसी तरह इसे पटरी पर लाया जा सका। इस कारण से अप-डाउन ट्रेक पर यातायात प्रभावित रहा। शताब्दी एक्सप्रेस भी एक घंटे की देरी से रवाना हो सकी। जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह करीब पौने नौ बजे आरडी लाइन में खड़ी इंदौर इंटरसिटी के रैक को बॉशिंग पिट पर ले जाया जा रहा था। तभी खम्बा नम्बर 1225 पर स्थित पॉइंट नम्बर 123 पर इंजन से तीसरे नम्बर पर लगा सामान्य कोच नम्बर 99595 बेपटरी हो गया। लेकिन चालक ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिससे कोच बेपटरी होते हुए करीब 25 से तीस मीटर तक घिसटता हुआ चला गया। जिस कारण से सिग्नल बदलने वाली दो मशीनें पॉईंट नम्बर 123 एवं 118 की टूट कर अलग हो गईं वहीं ट्रेक को काफी नुकसान हुआ। जब ट्रेन आगे नहीं बढ़ सकी तब चालक का ध्यान गया तो देखा कि गाड़ी का एक कोच पटरी से अलग चल रहा था। चालक ने ट्रेन को रोका और परिचालन विभाग को सूचित कर दिया। उसके बाद ब्रेकडाउन स्टॉफ करीब दस बजे पहुंचा और कोच को पटरी पर लाने का काम शुरू हुआ जो करीब दोपहर साढ़े बारह बजे तक चला तब कहीं कोच को पटरी पर लाया जा सका और यातायात सुचारू हो सका। सूचना मिलतेे ही स्थानीय प्रबंधन एवं झांसी के भी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।

बिरला नगर पर रुकी रही शताब्दी
कोच बेपटरी होने से अप तथा डाउन दोनों ही ट्रेक प्रभावित हो गए। अप ट्रेक पर दिल्ली से भोपाल जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को बिरला नगर पर करीब एक घंटे के लिए खड़ा कर दिया गया। जब दूसरे ट्रेक का सुधार कार्य हुआ तब जाकर शताब्दी को निकाला जा सका। वहीं डाउन ट्रेक पर आ रही केरला व कोंगू एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय पर नहीं जा सकी। जितने समय सुधार कार्य चलता रहा उस समय गाडिय़ों को महज दस व पांच की रफ्तार से ही पास किया गया।

ट्रेक सहित दोनों मशीनें टूटीं
गाड़ी चालक द्वारा ध्यान न देने से करीब पच्चीस से तीस मीटर तक कोच की ट्रॉली पटरी से अलग हो कर चलते हुए उसने काफी नुकसान कर दिया। पटरी के बगल से लगी पॉइंट बदलने वालीं दो मशीनों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया तो स्लीपर,ट्रेक लीड,रेल को कसने वाले नट बोल्ट भी टूट कर अलग हो गए थे।

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