बिगड़ेगी व्यवस्था बढ़ेगी महंगाई

भोपाल/इंदौर। एक अक्टूबर से प्रस्तावित ट्रकों की बेमियादी हड़ताल से शहर सहित समूचे प्रदेश के करीबन 80 हजार ट्रकों के पहिए थम जाएंगे, जिससे माल ढुलाई नहीं हो पाएगी। सामान की आपूर्ति व्यवस्था बिगड़ते ही महंगाई बढ़ जाएगी। जिससे लोगों की परेशानी भी बढ़ेगी।
प्रदेशभर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक माल ढुलाई ट्रकों के माध्यम से होती है। इसके चलते शहर सहित समूचे प्रदेश में करीबन अस्सी हजार ट्रक सड़कों पर दौड़ते हैं। इनके अलावा सैकड़ों छोटे वाहन भी इसमें सहयोगी बने हुए हैं, जिससे आपूर्ति और सप्लाई में समानता बनी रहती है। वरना सामान की आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ जाती है। लेकिन, अब जब ट्रांसपोर्टरों ने एक अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल करने की घोषणा कर दी है, तो शासन की चिंता भी बढ़ गई है कि आपूर्ति व्यवस्था कैसे संभाली जाएगी। रोजमर्रा के सामान से लेकर निर्माण तक का सामान ट्रकों से ही पहुंचता है, लेकिन जब ट्रक ही नहीं चलेंगे तो सामान रखा रह जाएगा।
यहां पड़ेगा असर
ट्रकों की हड़ताल का सबसे पहले असर आलू, प्याज और सिलेण्डरों की सप्लाई पर पड़ता है। हड़ताल शुरू होते ही मंडियों में आलू, प्याज और लहसुन सहित फल की आवक बंद हो जाती है और जो माल व्यापारियों के पास रखा होता है उसे वह महंगे दाम पर बेचकर मुनाफा कमाते हैं। इसी तरह घरों में चूल्हे जलाने के लिए सिलेण्डरों की जरूरत पड़ती है। लेकिन ट्रक हड़ताल से ट्रकों की आवाजाही थम जाती है। जिससे सिलेण्डरों की आवक भी रुक जाती है। सिलेण्डर नहीं मिलने से घरों में हाहाकार मचने लगता है। लोग गैस एजेंसियों पर जाकर हंगामा मचाने लगते हैं। जिससे व्यवस्था ही बिगड़ जाती हैं।

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