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दसलक्षण पर्व का समापन

रथयात्रा और कलशमहोत्सव के साथ हुए कई धार्मिक आयोजन


शिवपुरी। अनंत चतुर्दशी पर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के साथ दस दिनों से चल रहे जैन समाज के दसलक्षण महापर्व का समापन हुआ। इस अवसर पर विभिन्न जिनालयों में श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा और पूजन किया गया। श्री जी की रथयात्रा निकाली गई साथ ही जैन धर्म के बारहवें तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान का मोक्ष कल्याण मनाया गया। इस अवसर स्थानिय महावीर जिनालय में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के अवसर पर वहाँ चार्तुमास कर रहे पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम षिष्य पूज्य मुनि अभय सागर जी महाराज, पूज्य मुनिश्री प्रभातसागर महाराज एवं मुनि श्री पूज्यसागर महाराज के मंगल प्रवचन हुये।
आज दसलक्षण पर्व के अंतिम दिन महावीर जिनालय में पूज्य मुनिश्री अभयसागर जी रविवार को महावीर जिनालय पर सांगानेर जयपुर से पधारे विद्वान पं. राजेश गंगवाल का शास्त्र, श्रीफल और प्रशस्ति प्रत्र भेंट कर समाज द्वारा सम्मान किया गया।
पुरानी शिवपुरी से निकली रथयात्रा
अनंत चतुर्दशी के अवसर पर पाश्र्वनाथ जिनालय पुरानी शिवपुरी से श्रीजी की वार्षिक रथयात्रा पूज्य मुनित्रय के सानिध्य में निकाली गई तथा टेकरी पर जिनेन्द्र भगवान का का अभिषेक किया गया। साथ ही मंदिरजी की वार्षिक फूलमाला का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर मुनियों के मंगल प्रवचन भी हुये।
आदिनाथ जिनालय पर हुआ कलशमहोत्सव
जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का इस अंनत चर्तुदशी के अवसर पर वार्षिक कलशामहोत्सव का आयोजन पूज्य मुनिश्री के सानिध्य में किया गया। इस अवसर पर आदिनाथ जिनालय में सेठ चन्द्रकुमार वीरेन्द्र कुमार पत्तेवाले परिवार द्वारा श्रीजी का अभिषेक पूजन किया गया।
व्रतियों का सम्मान आज
दसलक्षण पर्व के अवसर पर जिन श्रावक ने दस दिन अथवा जिन्होंने 5 या उससे अधिक निर्जल उपवास करके अपनी दस दिनों तक धर्म साधना की, सोमवार प्रात: 8:30 बजे महावीर जिनालय पर उनका सम्मान किया जायेगा। इसी क्रम में दोपहर 2:30 बजे से जिनालय में कलषमहोत्सव और वार्षिक फूलमाला का भी आयोजन रखा गया है।

Updated : 28 Sep 2015 12:00 AM GMT
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