अधिकारियों के मोबाइल और थानों के फोन बंद

ग्वालियर। पुलिस से सम्पर्क करने में इस समय लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से पुलिस अधिकारियों के मोबाइल और थानों के फोन अक्सर बंद बताते हैं, जबकि पुलिस सूचना मिलने पर तुरंत घटना स्थल पर पहुंचने का दावा करती है। आने वाले समय में 100 डायल की योजना प्रारंभ होने पर पुलिस पांच मिनिट में पहुंचने का दावा करेगी, लेकिन पुलिस के दावे कहां तक सच हैं? यह तो पुलिस अधिकारियों और थानों के नम्बर लगाकर ही पता चल जाता है। पिछले कुछ दिनों से एक ओर जहां अक्सर पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नम्बर बंद जा रहे हैं तो दूसरी ओर कई थानों के फोन नम्बर अस्थाई रूप से बंद होने की सूचना प्रसारित करते हैं। ऐसे में यदि शहरवासी विषम परिस्थिति में पुलिस से मदद की उम्मीद रखें तो पुलिस के दावे बेमानी साबित होंगे। राज्य सरकार पुलिस विभाग पर लाखों रुपए का खर्चा कर रही है, पर इस विभाग द्वारा थानों में लगे फोन के बिल का भुगतान तक नहीं किया जा रहा है। इधर पुलिस अधीक्षक हर माह एक न एक नम्बर प्रसारित कर दावा करते हैं कि जिसे भी पुलिस की आवश्यकता हो, वह इस नम्बर पर सम्पर्क कर मदद ले सकता है, जबकि जिस क्षेत्र में पीडि़त निवास करता है। यदि उसी क्षेत्र के थाने का फोन नम्बर बंद है तो ऐसे में उसे तत्काल मदद कौन देगा? यही नहीं, आरक्षक से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक के मोबाइल नम्बर बंद जा रहे हैं। ऐसे में पीडि़त व्यक्ति कहां सम्पर्क करे, जिससे उसे पुलिस की मदद मिल सके?
