प्रदेश से शुरू होगी देश को मलेरियामुक्त बनाने की मुहिम

भोपाल। भारत को मलेरियामुक्त बनाने की मुहिम मध्यप्रदेश से शुरू होगी। इसमें सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज द्वारा स्थापित किया जाने वाला इंडिया मलेरिया एलीमिनेशन फाउण्डेशन सक्रिय सहयोग करेगा। फाउण्डेशन मानव संसाधन, दवा, जांच और मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहयोग देगा। सन फार्मा लिमिटेड के प्रबंध संचालक दिलीप संघवी ने आज मुख्यमंत्री श्री चौहान से भेंटकर मलेरिया उन्मूलन अभियान के संबंध में चर्चा की। प्रायोगिक तौर पर अभियान जबलपुर संभाग के जिलों से शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान के सुझाव पर इसमें शहडोल, सीधी, सिंगरोली और उमरिया जिले को भी शामिल किया जाएगा।
वहीं बताया कि मलेरिया, मध्यप्रदेश सहित भारत में एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इससे अधिकतर आदिवासी और अंदरूनी क्षेत्र प्रभावित होते हैं। इस बीमारी के कारण बड़ी संख्या में मृत्यु तो होती है, इससे अर्थव्यवस्था और उत्पादकता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग के 8 जिले मलेरिया से अधिक प्रभावित हैं। संभाग के 10 हजार 586 गांव में लगभग एक करोड़ 17 लाख 78 हजार लोग रहते हैं। योजना में शिशुओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मलेरिया से बचाने पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। आने वाले वर्षों में संभाग के सभी जिलों से मलेरिया के पूरी तरह उन्मूलन का लक्ष्य है। जबलपुर स्थित राष्ट्रीय जनजाति स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान द्वारा किये शोध के अनुसार यह लक्ष्य प्राप्त करना पूरी तरह संभव है। मुख्यमंत्री ने मलेरिया को समूल नष्ट करने के लिए सन फार्मा और राज्य सरकार के अधिकारियों का संयुक्त दल गठित कर जमीनी चुनौतियों और समस्याओं को देखते हुए रणनीति तैयार करने को कहा।
श्री चौहान ने कहा कि मलेरिया पर हमला बोलने का यही समय है। उन्होंने कहा कि मलेरिया फैलने के कारणों और रोकथाम के सभी उपायों के संबंध में लोगों को सूचित और शिक्षित करने के लिये भी कार्य-योजना बनायें। श्री चौहान ने मलेरिया नियंत्रण के लिये प्रारंभिक तैयारियाँ करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सरकार की स्वास्थ्य अधोसंरचनाएँ और उपलब्ध मैदानी अमले के सहयोग से तकनीकी ज्ञान और संसाधन का बेहतर उपयोग मलेरिया नियंत्रण के लिये किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी मोड में चलाया जाने वाला यह अभियान पूरे देश को मलेरिया से मुक्त करने में अग्रणी भूमिका निभायेगा।
श्री संघवी ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करवाने की जरूरी अधोसंरचनाएँ और व्यवस्थाएँ बेहतर हुई हैं और पारदर्शिता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पोलियो की तरह मलेरिया पर संपूर्ण नियंत्रण संभव है।

Next Story