असिंचित भूमि के लिए ठोस योजना बनाएं

झांसी। विभाग आपसी समन्वय का सहमति से ऐसा प्लान तैयार करें जो प्रदेश के अन्य जिलों के लिये अनुकरणीय हो, एक ऐसा संभावित नियोजन तैयार करें जिसमें जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड में जो असिंचित भूमि है और खेती कार्य नहीं हो पा रहा है, सिंचाई के साधन न होने के कारण उन्हें भी इस योजना के अंतर्गत आच्छादित किया जा सके। पर्याप्त सिंचाई हेतु जल की जब उपलब्धता होगी तो किसान खुशहाल होगा, बुन्देलखण्ड क्षेत्र का विकास होगा, प्रदेश का विकास होगा, देश का विकास होगा।
उक्त उदगार जिलाधिकारी अनुराग यादव ने गांधी सभागार क्लैक्ट्रेट में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश में जनपद झांसी को पायलट प्रोजेक्ट के रुप में चयन कर लेने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुये व्यक्त किये। योजना में कृषि व सिंचाई दोनों महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। उन्होने स्पष्ट कहा कि जल सम्बर्धन की सभी संभावनाओं को एकजुट होकर तलाशना होगा। यह एक नई योजना है और आगामी वर्ष में इस योजना पर बड़े स्तर कार्य प्रारंभ होगा। झांसी को पायलट प्रोजेक्ट के रुप में चुना गया क्योंकि यहां सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता एक चुनौती पूर्ण कार्य है। यहां जो प्लान आप तैयार करेगें, उसे स्वीकृत किया जायेगा तत्पश्चात अन्य जिलों के लिये लागू होगी यह योजना। योजना में सिंचाई विभाग के साथ कृषि विभाग जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में नोडल विभाग है के अतिरिक्त कमाण्ड एरिया, भूगर्भ जल, लघु सिंचाई, डाल नहर, जल संस्थान, उद्यान विभाग शामिल है वह समग्र रुप से एक प्लान तैयार करें और उसमें क्या-क्या कार्य करना चाहती है उसे विशेष रुप से प्लान में रखें। उन्होने कहा कि जो सूचनायें विभागों से मांगी है वह निश्चित प्रपत्र के दें ताकी प्लान तैयार करने में सहूलियत हो।
