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जनमानस

व्यवहारिकता में हिन्दी प्रयोग करें

14 सितम्बर 'हिन्दी दिवस' के रूप में मनाए जाने के लिए आफिसों में तैयारी चल रही है। कई साहित्यक संस्थाएं भी हिन्दी दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रयासरत हैं। क्या वास्तव में हम हिन्दी दिवस की महज औपचारिकता पूर्ण कार्यक्रम आयोजित कर हिन्दी को राष्ट्र की सशक्त भाषा बना सकते है। मैं देखता हूं। खासतौर पर बैंकों में हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रचार प्रसार पर सेमीनार सम्पन्न समारोह स्मारिका प्रकाशन जैसे कई कार्यक्रम आयोजित होते है। वहीं व्यवहारिकता में सर्वाधिक अंग्रेजी में काम भी बैंकों में ही चलता है। बैंक ए.टी.एम. मैं भारतीय रिजर्व बैंक का एक नोटिस पढ़ता हूं। पूरा पत्र अंग्रेजी में टाइप किया गया है। अधिकारी का नाम हस्ताक्षर सहित सब अंग्रेजी भाषा में है। अत: मैं हाशिए पर एक वाक्य को पढ़कर आश्चर्य से भर जाता हूं। लिखा था ''हिन्दी आसान है इसका प्रयोग करे, अब इसे पाखण्ड न कहें तो क्या कहा जाए, भारत के केन्द्रीय वित्त संस्थान जब इस तरह की फर्जअदायगी करेगा तब भला अन्य विभागों से क्या उम्मीद हो सकती है। इस मामले में हमारा पुलिस महकमा अवश्य व्यवहारिकता में हिन्दी भाषा लेखन और हिन्दी बोलते है। यह अलग बात है। उनकी लिखावट वही पढ़ सकते है। मित्रों मैं चाहता हूं। हम हिन्दी को व्यवहारिकता में लाएं तभी हिन्दी का उद्धार हो सकता है।

कुंवर वीरेन्द्र सिंह विद्रोही

Updated : 10 Sep 2015 12:00 AM GMT
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