मणिपुर हिंसा में चार की मौत, कई घायल

मणिपुर हिंसा में चार की मौत, कई घायल

इंफाल | मणिपुर विधानसभा में कल कुछ विधेयकों को पारित किए जाने के बाद चूड़ाचंदपुर जिले में भड़की हिंसा में चार लोग मारे गए और 13 अन्य घायल हो गए, जिसके चलते प्रशासन को शहर में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा।
राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई जिसमें राज्य सरकार के एक मंत्री, एक सांसद और पांच विधायकों के मकानों में बीती शाम चूड़ाचंदपुर जिले में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। चूड़ाचंदपुर शहर में आज तीन शव पाए गए हैं, जबकि एक जला हुआ शव हेंगलप के विधायक मंगा वेईफेई के आवास के मलबे से पाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
विधायक का घर उन सात मकानों में शामिल था जिन्हें कल की घटनाओं में आग लगा दी गई थी। मणिपुर के मूल लोगों के संरक्षण के लिए कल विधानसभा में तीन विधेयक पारित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद यह हिंसा भड़की। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाहरी मणिपुर लोकसभा सीट के सांसद थांगसो बेत, राज्य के परिवार कल्याण मंत्री फुंगजांगफांग तोनसीम और हेंगलेप विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंगा वेईफेई और थानलोम के वुनगजागीन सहित पांच विधायकों के मकान फूंक दिए गए।
पुलिस ने आज दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। स्थिति के मद्देनजर कल शाम से चूड़ाचंदपुर शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया था। अधिकारी ने बताया कि एक मकान में आगजनी की कोशिश करने के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद एक हमलावर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि मणिपुर विधानसभा में कुछ विधेयकों को पारित करने के खिलाफ पर्वतीय जिलों में प्रदर्शन को लेकर तीन आदिवासी छात्र संगठनों ने कल 12 घंटे के बंद का आहवान किया था। कल की आगजनी के पीछे इन्हीं संगठनों का हाथ होने का संदेह जताया गया है।
विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों में मणिपुर के लोगों का संरक्षण विधेयक 2015, मणिपुर भूमि राजस्व और भू सुधार (1सातवां संशोधन) विधेयक 2015 और मणिपुर दुकान एवं प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015 शामिल हैं।

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