आर्थिक आंक़डों पर रहेगी निवेशकों की नजर

आर्थिक आंक़डों पर रहेगी निवेशकों की नजर
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मुंबई। देश के शेयर बाजरों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर प्रमुख आर्थिक आंक़डों पर टिकी रहेगी। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों के तिमाही परिणामों की आखिर खेप, संसद के मानसून सत्र के घटनाक्रमों, मानसून की प्रगति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंक़डों, वैश्विक बाजारों के रूझान, डॉलर के मुकाबले रूपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।
बुधवार 12 अगस्त को सरकार जुलाई महीने के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंक़डे जारी करेगी। जून महीने में यह दर 5.4 फीसदी थी, जो मई में 5.01 फीसदी और अप्रैल में 4.87 फीसदी थी। बुधवार को ही सरकार जून महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंक़डे भी जारी करेगी। मई महीने में औद्योगिक उत्पादन विकास दर 2.7 फीसदी थी, जो अप्रैल में संशोधन के बाद 3.4 फीसदी थी। शुक्रवार 14 अगस्त को सरकार जुलाई महीने के लिए थोक महंगाई दर के आंक़डे जारी करेगी। यह दर जून में लगातार आठवें महीने नकारात्मक दायरे में रही। जून में यह दर नकारात्मक 2.4 फीसदी थी, जो मइ में भी नकारात्मक 2.4 फीसदी और अप्रैल में नकारात्मक 2.65 फीसदी थी। मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के कारोबारी परिणाम जारी करने का दौर समाप्त होने जा रहा है।
आगामी सप्ताह इसकी लगभग आखिरी खेप जारी होगी। निवेशक परिणाम के साथ कंपनी प्रबंधन द्वारा की जाने वाली आगामी तिमाहियों की आय की भविष्यवाणी में निवेश के अवसर ढूढें़गे। सोमवार को इंजीनियर्स इंडिया और अडाणी पावर, मंगलवार को टाटा स्टील, सन फार्मा और एनएमडीसी, बुधवार को अशोक लेलैंड और वोल्टास, गुरूवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और और टाटा पावर और शुक्रवार को हिंडाल्को और सेल अपने परिणाम जारी करेंगी। राजनीतिक मोर्चे पर संसद के मानसून सत्र की गतिविधियों पर निवेशकों की नजर रहेगी। मानसून सत्र 13 अगस्त, 2015 तक चलेगा। आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है।

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