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जनमानस

हकीकत बयां करती सम्पादकीय से सबक लें सरकारें

स्वदेश 22 अगस्त, 2015 के सम्पादकीय ''कब सबक लेंगी सरकारेंÓÓ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला, उत्तरप्रदेश सरकार की बदले की कार्रवाई एवं देश में शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। स्वतंत्र भारत में शिक्षा को गम्भीरता से न लेना, सरकारों द्वारा अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास, सरकारी स्कूलों की दुर्दशा, शिक्षा माफियाओं द्वारा शिक्षा को बाजार में लाना, शिक्षा बजट में कटौती, शिक्षा में निजीकरण को बढ़ावा देना, शिक्षा माफियाओं को रियायतों की खैरात बांटना, शिक्षकों को चुनाव, जनगणना एवं सरकारी अभियानों में जोतना, उच्च शिक्षा का बाजारीकरण, निजी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की बेतहाशा बढ़ती संख्या आदि समस्याओं को यह सम्पादकीय गागर में सागर की तरह समेटे हुए है।
मानव संसाधन विकास मंत्री के लैटर हेड में एक सामान्य सी टायपिंग त्रुटि के लिए आसमान सिर पर उठा लेने वाले लोगों ने स्वतंत्रता के बाद यदि संजीदगी से हमारी शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया होता, तो आज माननीय न्यायालय को यह टिप्पणी करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता कि नेता, अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ायें। शिक्षा एवं स्वास्थ्य दो ऐसी अनिवार्य एवं मूलभूत आवश्यकतायें हैं, जिन पर सरकारों के आने-जाने का कोई भी प्रभाव नहीं होना चाहिए। उद्देश्यों एवं प्राथमिकताओं में अन्तर होने के कारण सरकारी एवं निजी स्कूलों की सीधे तौर पर तुलना नहीं की जानी चाहिए। यदि हम सामाजिक सरोकार एवं सामाजिक उत्तरदायित्व को एक पैमाना मान लें तो हो सकता है कि इस पैमाने पर सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन निजी स्कूलों की तुलना में बेहतर हो। लेकिन अफसोस, वर्तमान में जो शिक्षा जितना अधिक चालाक एवं स्वार्थी बना रही है उसे उतना ही बेहतर एवं सफल माना जा रहा है। अगर इसी तरह से हमारे बच्चे अपने परिवार एवं माता-पिता से दूर होते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हम सब चिन्तित एवं दुखी होकर यह विचार कर रहे होंगे कि हमें अपने बच्चों को किस तरह की शिक्षा देनी चाहिए। ''कब सबक लेंगी सरकारेंÓÓ सम्पादकीय में वर्तमान शिक्षा से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं की ओर इंगित करने का प्रयास किया गया है। अब यह सरकारों के ऊपर है कि वे इस सारगर्भित एवं बेबाक सम्पादकीय को किस रूप में लेती हैं।

प्रो. एस.के. सिंह
प्राध्यापक एवं संकायाध्यक्ष

Updated : 28 Aug 2015 12:00 AM GMT
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