पत्रकारिता में तकनीक से जुडऩा जरूरी

बाबू खां पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित हुए पत्रकार
शिवपुरी। आज के बदलते युग में पत्रकारों को नई तकनीक से जुडऩा जुरूरी है। तभी वे सार्थक परिणाम दे पाएंगे। यह बात बाबू खां उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान से आंचलिक पत्रकारों को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार अजीत सिंह ने कही। यह गरिमामय समारोह करैरा में सम्पन्न हुआ।
श्री सिंह ने कहा कि आज अखबार का संस्थागत एवं मशीनी ढांचा खड़ा करने के लिए करोड़ों रूपए खर्च होते हैं। इसलिए अखबार मालिक अखबार को मुनाफे में लाने का विशेष ध्यान रखते हैं। अब आजादी के युग की पत्रकारिता संभव नहीं है। उन्होंने 85 वर्षीय बाबू खां द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए गए सक्रिय योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर साहित्यकार प्रमोद भार्गव ने कहा कि पत्रकार वैभव से दूर रहते हुए उस उत्पादक समाज किसान, मजदूर और पशुपालक की ओर देखें, जो खाद्य पदार्थों के उत्पादन से जुड़ा होने के बावजूद आर्थिक अभावों में जी रहा है।
उपसंचालक जनसंपर्क अनूप सिंह भारती ने सरकार से पत्रकारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद की जानकारी दी। पत्रकार संजय बैचेन ने अपने पत्रकारीय जीवन की संघर्षगाथा का बयान किया। इस अवसर पर आंचलिक पत्रकारों के रूप में बृजेश पाठक, जे.एम.गुरू, मदनलाल अग्रवाल, सोनू जैन, वीरेन्द्र यादव, हृदेश पाठक और सादिक खान को शॉल-श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। दिवगंत पत्रकार सुरेन्द्र तिवारी की धर्मपत्नि श्रीमती शरद तिवारी को भी सम्मानित किया।
कार्यक्रम में एसडीओपी चंद्रभान सिंह रघुवंशी, तहसीलदार यू.सी. मेहरा, घनश्याम योगी, विनय राहुरीकर, डॉ. एनएस. चौहान, प्रमोद जैन एवं सतीश फौजी विशेष तौर से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार सतीश श्रीवास्तव ने किया एवं आभार प्रदर्शन हीरोज खान ने किया।