बुन्देलखंड के गौरव थे रामकृष्ण त्रिपाठी : चंद्रपाल सिंह

झांसी। बुन्देलखंड साहित्य संगीतकला संस्थान के तत्वावधान में राजकीय संग्रहालय के सभागार में बुन्देलखंड क्षेत्र के साहित्य मनीषी, आचार्य प्रवर, शिक्षाविद पं. रामकृष्ण त्रिपाठी की पुण्य स्मृति में श्रद्धांजलि सभा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन राज्यसभा सांसद डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विनोद यादव, नगर आयुक्त अरूण प्रकाश, उपशिक्षिा निदेशक नीना उदैनिया, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. नीरज पांडेय आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक ने की। सर्वप्रथम अतिथियों ने शिक्षाविद पं. रामकृष्ण त्रिपाठी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। अतिथियों का स्वागत मुख्य संयोजक एवं महासंघ के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी, राजीव त्रिपाठी, ऋषभ त्रिपाठी, सुभाष रावत, अखिलेश पांडेय, श्रीमती संध्या त्रिपाठी, श्रीमती नीलम त्रिपाठी, राजकुमार अमरया, अंकुर अग्रवाल आदि ने माल्यार्पण कर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती बृजलता मिश्रा ने सरस्वती वंदना कर किया।
मुख्य अतिथि डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव ने कहाकि शिक्षाविद् रामकृष्ण त्रिपाठी बुन्देलखंड के गौरव थे आपकी कार्यशीलता से बुन्देलखंड का मान बढा है शिक्षा एवं साहित्य व समाज सेवा के क्षेत्र में त्रिपाठी का विशेष योगदान रहा है। श्रीमती नीना उदैनिया ने कहाकि त्रिपाठी जी व्यक्तित्व के धनी थे उनकी कार्यशैली सबसे अलग थी उन्होंने कहाकि श्री त्रिपाठी जी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके बजाये हुए मार्ग पर चलने का अनुसरण करें। डॉ नीरज पांडेय ने कहाकि त्रिपाठी जी की साहित्य साधना एवं उनके द्वारा किये गये कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। वह सत्यनिष्ठा एवं समर्पण के धनी थे। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विनोद यादव ने कहाकि श्री त्रिपाठी जी के मानवीय कार्य आज भी लोगों के स्मृति पटल पर अंकित है उन्होंने त्रिपाठी जी को एक सच्चा पथ प्रदर्शक बताया। अध्यक्षता कर रहे महानगर धर्माचार्य हरिओम पाठक ने कहाकि त्रिपाठी जी एक सच्चे मार्गदर्शक थे उनके बताये हुए राह पर हमें चलना चाहिए तभी उनके प्रति सच्च्ी श्रद्धांजलि होगी।
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मंत्री हरगोविन्द कुश्वाहा, मंडलाचार्य लल्लन महाराज, जिला धर्माचार्य महंत विष्णु दत्त स्वामी, डॉ. आर पी निरंजन, डॉ. बाबूलाल तिवारी, अखिलेश पांडेय, धीरेन्द्र अवस्थी एड, महेश उपाध्याय, रमाकांत पाराशर, सतराम पेंटर, सत्येन्द्र पाल सिंह, विनोद अग्रवाल, डॉ. ओमप्रकाश शर्मा, डॉ. रवीन्द्र बुधौलिया, महेन्द्र रावत एड, सुदर्शन शिवहरे, चिंतामणि दुबे, बाबूलाल जारौलिया, हरिओम थापक, राजेन््रद सिह कुशवाहा, दिनेश भार्गव, सुनील तिवारी, सीताराम रायकवार आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए त्रिपाठी जी के बताये हुए रास्ते पर चलने का आव्हान किया। तत्पश्चात हुए कवि सम्मेलन में कविवर मदनगोपाल विरथरे देवेन्द्र रावत नटखट, डॉ गौरीशंकर उपाध्याय, सुखराम चतुर्वेदी, ओमप्रकाश हयारण दर्द, इस्लाम नजर, काशीराम सेन, पवन तूफान, कृष्ण राव देवकर अखिलेश त्रिपाठी, रंजन विद्रोही, मदनमानव, डॉ. धन्नूलाल गौतम, सीताराम रायकवार आदि कवियों ने अपनी काव्यमय रचनायें त्रिपाठी जी को अर्पित की। इस अवसर पर त्रिपाठी की पत्नी श्रीमती पुष्पा त्रिपाठी, पुत्रवधु श्रीमती नीलम एवं संध्या त्रिपाठी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीति शास्त्री ने एवं आभार मुख्य संयोजक रवीश त्रिपाठी ने व्यक्त किया।

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