फर्जी अभिभावकों के साथ बैठक में पहुंचे स्कूल संचालकों को फटकार

मामला : विद्यालयों में फीस वृद्धि व मनमानी का
श्योपुर। जिले के निजी स्कूलों में फीस वृद्धि व मनमानी की शिकायत को लेकर जिलाधीश डीएस भदौरिया ने शहर के निजी स्कूल संचालकों की बैठक बुधवार को ली। इस दौरान कुछ स्कूल संचालक अपने शिक्षकों व परिचितों को अभिभावक बनाकर बैठक में जा पहुंचे। मीडिया के माध्यम से सच्चाई पता चलने पर जिलाधीश ने उन्हें फटकार लगाकर बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बैठक में जिलाधीश श्री भदौरिया ने निजी स्कूल संचालकों को शासन के 30 अप्रैल के निर्देशों से अवगत कराया और उसका पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि इस बैठक के बाद स्कूल नियमों का पालन करें, यदि फिर भी शिकायत आई और जांच में सिद्ध पाया तो स्कूल भी सीज कर दूंगा। बैठक में जिलाधीश श्री सिंह ने निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों से भी सुझाव लिए। बैठक में एसडीएम श्योपुर केके सिंह गौर, डिप्टी कलेक्टर आरके दुबे, डीईओ अजय कटियार आदि भी मौजूद रहे।
फर्जी अभिभावक निकाले बाहर
बैठक में कुछ विद्यालय संचालक अपनी कमियों को छुपाने के लिए स्कूल के शिक्षक या परिचितों को लेकर पहुंचे, लेकिन उनकी कलई पत्रकारों ने खोली, तो जिलाधीश ने तीन लोगों को बाहर निकाल दिया और वास्तविक अभिभावकों को ही बैठक में आने को कहा।
सेंट पायस स्कूल की फीस ज्यादा
विद्यालयों की फीस के संबंध में जब कलेक्टर जानकारी ले रहे थे तो सेंट पायस स्कूल की फीस मान से ज्यादा मिली। एक अभिभावक ने भी विद्यालय की फीस की स्थिति बताई, जिस पर कलेक्टर ने डीईओ को निर्देश दिए कि एक-एक विद्यालय की फीस देखी जाए और फीस किसी भी संबंधित विद्यालय के कुल लाभ से 10 फीसदी ज्यादा न हो।
यह भी दिए निर्देश
* प्रत्येक निजी स्कूल अपनी वेबसाइट बनाएं तथा वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर आय-व्यय, फीस और शिक्षण सामग्री प्रदर्शित करें
* अभिभावक शिक्षक संघ का प्रत्येक स्कूल में गठन हो
* बिना जिलास्तरीय समिति के अनुशंसा के बिना फीस वृद्धि न हो
* प्रवेश शुल्क एक महीने की फीस से अधिक नहीं होना चाहिए
* विद्यालय की किताबें तीन दुकानों पर रखनी होगी। किताबों पर शिक्षण संस्था का नाम नहीं होगा
* हर विद्यालय सीएस से कराए ऑडिट