जनमानस
शिक्षा का स्तर सुधारें
मध्यप्रदेश के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 15 जुलाई से मध्यान्ह भोजन के साथ दूध भी दिए जाने की घोषणा की गई है। शासन की यह योजना सरकारी स्कूलों के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन इस योजना से सरकार शायद ही अपने मकसद में कामयाब हो पाए। मध्यान्ह भोजन के दूषित परिणाम सभी देख चुके हैं। नई योजना भी सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी। कुल मिलाकर दूध पिलाने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधर सकता है।
शिरीष सकलेचा
Updated : 8 July 2015 12:00 AM GMT
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