बुंदेली भाषा व संस्कृति पर हई गोष्ठी

साहित्य मनीषी सम्मानित

झाँसी। सिविल लाइन स्थित सरल साहित्य संगम कार्यालय पर आज सरल साहित्य संगम के 23वें स्थापना दिवस समारोह पर बुंदेली भाषा एवं संस्कृति विषय पर संगोष्ठी बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के प्राचार्य डा. बाबूलाल तिवारी के मुख्य आतिथ्य एवं साहित्यकार डा. शंकर शरण तिवारी की अध्यक्षता में हुई जिसमें विशेष अतिथि के रूप में सीनियर सिटीजन के प्रांतीय अध्यक्ष बीबी दीक्षित एवं शिक्षक नेता रवीश त्रिपाठी उपस्थित रहे। प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। संगम अध्यक्ष डॉ.गौरीशंकर उपाध्याय सरल ने अतिथियों का स्वागत करते हुये संगम की गतिविधियों पर प्रकाश डाला तथा बुंदेली संस्कृति को अपनाने पर बल दिया। अध्यक्षता कर रहे डा.शंकर शरण तिवारी ने ही विशेष परिनिष्ठित हिन्दी की अंगभूत अवधी एवं बृज भाषाओं को ही विशेष साहित्यिक महत्व प्राप्त हो गया हो फिर भी बुंदेली भाषा के महत्व को दृष्टि से ओझल हीं किया जा सकता। हिन्दी के आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक बुंदेली में उल्लेखनीय काव्य रचना होती रही है। मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ.बाबूलाल तिवारी ने कहा कि डा.गोरीशंकर उपाध्याय सरल ने बुंदेली भाषा एवं संस्कृति के उत्थान के लिए जो कार्य किया है उसके लिए वह प्रशंसा के पात्र हैं। बुन्देलखण्ड की संस्कृति का संरक्षण करते हुए भाषा के माध्यम से बुंदेली माटी की सुगंध बिखेरने का कार्य किया है। साथ ही साथ बुंदेली भाषा के प्रचुर ज्ञान को पाठकों तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया है। विशिष्ठ अतिथि रवीश त्रिपाठी एवं पाश्चात संस्कृति की ओर जा रहे हैं जो कि बिल्कुल गलत है। इस अवसर पर ओमशंकर असर, रमाकांत पाराशर, महेश उपाध्याय, बृजलाल चतुर्वेछी, त्रिभुवन नाथ त्रिवेदी, राजकुमार अमरया, रामस्वरुप त्रिपाठी, साकेत सुमन चतुर्वेदी, अमृतलाल सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन सुखराम चतुर्वेदी एवं आभार डा.गौरीशंकर उपाध्याय ने किया। अतिथियों को शॉल एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।

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