प्रधानमंत्री छह देशों की यात्रा पर रवाना, ब्रिक्स बैठक में लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री छह देशों की यात्रा पर रवाना, ब्रिक्स बैठक में लेंगे हिस्सा
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नई दिल्ली | सामरिक, आर्थिक और उर्जा संबंधों को मजबूती प्रदान के मकसद के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस और पांच मध्य एशियाई देशों की आठ दिवसीय यात्रा पर आज रवाना हो गए। इस दौरान वह ब्रिक्स एवं शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठकों में भी भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री की यात्रा उजबेकिस्तान से शुरू होगी जहां से वह कल कजाखित्सान जाएंगे । इसके बाद वह आठ जुलाई को रूस तथा तत्पश्चात दस जुलाई को तुर्कमेनिस्तान, 11 जुलाई को किर्गिस्तान और 12 जुलाई को ताजिकिस्तान जाएंगे।
रूस के उफा में होने वाली एससीओ शिखर बैठक में भारत को छह सदस्यीय देशों के समूह की सदस्यता मिलने की संभावना है जिसमें चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं। यदि सदस्यता मिलती है तो यह उनकी यात्रा का मुख्य केंद्रबिंदु होगा। अभी तक भारत को इस समूह में केवल पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
इसके साथ ही विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं वाली ब्रिक्स शिखर बैठक (ब्राजील, भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में आर्थिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने संबंधी विचार विमर्श पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसमें स्थानीय मुद्रा में कारोबार की संभावना भी शामिल है।
ब्रिक्स विकास बैंक की पहले ही स्थापना होने के साथ ही शिखर बैठक में स्थानीय मुद्रा में रिण सुविधा शुरू करने की संभावना पर भी गौर किया जा सकता है। बैंक के पहले प्रमुख प्रख्यात भारतीय बैंकर के वी कामथ हैं।
मध्य एशिया के पांच देशों की यात्रा के दौरान मुख्य रूप से कारोबार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो अभी कुछ खास नहीं है यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की एक साथ इन सभी देशों की पहली यात्रा होगी। इस दौरान उर्जा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग पर भी जोर रहेगा। विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह यह जानकारी दी थी।
टीएपीआई परियोजना को आगे बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएंगे जो भारत की उर्जा जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है। इस परियोजना के जरिए मध्य एशिया से गैस हासिल की जाएगी। भौतिक संपर्क के अभाव के कारण यह परियोजना बाधित है।

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