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जनमानस

संविधान में एक संशोधन और


विक्रम संवत् ही राष्ट्रीय संवत् हो, संविधान में संशोधन करें। कांग्रेस ने गांधी-नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्रता प्राप्त करते समय अनेक देश विरोधी समझौते किए थे। जैसे माउंट बेटन के सम्मान में लिखे गए। जन-गण-मन को राष्ट्रगीत स्वीकार करना, सुभाष को युद्ध बंदी स्वीकार करके इंग्लैंड को सौंपना। भारत को इंडिया लिखा जाना, शक संवत् को राष्ट्रीय संवत् स्वीकार करना, भारत का विभाजन स्वीकार करना, इनमें भारत को नीचा दिखाने की भावना मुख्य थी। भारत विश्व का प्राचीनतम देश है। तिब्बत भी हमारा ही भाग था। वैदिक प्रमाणों के आधार पर सृष्टि का प्रारंभ तिब्बत से ही है। लेकिन नेहरू ने इसे चीन को सौंप दिया। आधा कश्मीर पाकिस्तान को सौंप दिया। हमारी कालगणना में 1855805116 का सृष्टि संवत उपलब्ध है। वर्तमान में प्रचलित युगाब्द 5116 है, जो कलियुग के प्रारंभ की गणना है। विक्रम संवत् 2072 उपलब्ध है, जिसे उज्जैनी के और तत्कालीन भारत के राजा वीर विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्ति के उपलक्ष्य में प्रवर्तित किया था, किन्तु कांग्रेस ने ईस्वी सन् से छोटा शक संवत् राष्ट्रीय स्वीकार कर लिया, जो विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर है। इस पर संसद में प्रश्न उठाकर संविधान संशोधन आवश्यक है।

हरिनारायण अतीत

Updated : 24 July 2015 12:00 AM GMT
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