बारिश के मौसम में और निखरा प्राकृतिक सौन्दर्य,प्रकृति ने ओढ़ी हरियाली की चादर

आमंत्रित करता बजरंगगढ़ का प्राकृतिक सौन्दर्य
गुना। गुना जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर स्थित बजरंगगढ़ किले का प्राकृतिक सौन्दर्य इन दिनों सैलानियों को आमंत्रित करता प्रतीत हो रहा है। बारिश के मौसम में प्रकृति ने यहाँ हरियाली की चादर ओढ़ ली है, जिससे बजरंगगढ़ किले का रुप सौन्दर्य और अधिक निखरकर सामने आ रहा है। प्राचीन सभ्यता को अपने में समाहित करने वाला बजरंगगढ़ किला धार्मिक स्थल भी है। यहाँ स्थित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एवं भगवान हनुमान जी का मंदिर श्रद्धालुओं की विशेष आस्था का कैन्द्र है। बारिश के मौसम में किले की छटा देखते ही बनती है। इससे आकर्षित होकर बड़ी संख्या में श्रद्वालु और सैलानी यहाँ पहुँच रहे है। यूँ तो वर्ष भर यहाँ सैलानियों का पहुँचना लगा रहता है, किन्तु बारिश के मौसम में प्राकृतिक सौन्दर्य के दर्शन करने श्रद्धालुओं का तांता लग रहता है। हाल ही में पुरातत्व विभाग ने किले के अंदर काम कराया है। इसमें अव्यवस्थित पड़े पत्थर और अन्य सामान को व्यवस्थित कर पेंटिंग आदि कराई है। जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ गई है। इसके पहले किले प्राचीन सभ्यता को संरक्षित करने के साथ उसका सौन्दर्य निखारने में रामवल्लभ रावत कक्का का अपने साथियों के साथ दिया गया योगदान भी उल्लेखनीय है।