फांसी से बचने के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा याकूब मेमन

फांसी से बचने के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा याकूब मेमन

नई दिल्ली | 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी आतंकी याकूब मेमन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उसकी फांसी पर रोक लगाई जाए। मुंबई बलास्ट की साजिश रचने और धमाके करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले मेमन ने सु्प्रीम कोर्ट में डेथ वॉरंट को चुनौती दी है।
मेमन की फांसी की सजा के खिलाफ लास्ट मिनट अपील को सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले ही खारिज कर दिया था। 53 वर्षीय मेमन ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उसे फांसी देना गैरकानूनी होगा क्योंकि डेथ वॉरंट में सभी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। मेमन के वकील का कहना है कि राहत के सभी विकल्प खत्म होने से पहले ही डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया, यह नियम के खिलाफ है। वकील के मुताबिक, क्यूरेटिव याचिका पर फैसले होने से पहेल ही डेथ वारंट जारी कर दिया गया था। क्यूरेटिव याचिका में सु्पीम कोर्ट से उसके पुराने फैसले की समीक्षा की अपील की जाती है।
मुंबई बम धमाकों में करीब 260 लोगों की मौत हो गई थी। हमले के मास्टरमाइंड मेमन का भाई और अंडरवर्ल्ड डॉन टाइगर मेमन और दाउद इब्राहिम थे जो अभी तक फरार है। याकूब मेमन 1994 में वापस लौटा था। पेशे से सीए मेमन ने दावा किया था कि वह बेकसूर है और जांच में सहयोग के लिए उसने आत्मसमर्पण किया। हालांकि पुलिस का कहना था कि मेमन को अरेस्ट किया गया था।

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