आधार कार्ड पर जोर क्यों दे रहे राज्य : सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत लाभ पाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं करने के फैसले के बावजूद कुछ राज्यों द्वारा इसके उल्लंघन को लेकर मंगलवार को चिंता जताई। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.चेलामेश्वर, न्यायाधीश एस.ए.बोबडे तथा न्यायमूर्ति सी.नागप्पन की पीठ ने सितंबर 2013 में पारित अपने अंतरिम फैसले का राज्यों द्वारा उल्लंघन पर चिंता जताई। समाचार पत्रों में प्रकाशित कई रपटों का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति चेलामेश्वर ने कहा, ""अंतरिम आदेश के जारी होने के बावजूद कुछ राज्य आधार कार्ड पर जोर दे रहे हैं।"" इस पर महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने कहा, ""जहां तक हमारा सवाल है, हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी आधिकारिक कार्य के लिए आधार कार्ड पर जोर नहीं दिया जाए।"" उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद वह फिर न्यायालय में पेश होंगे। रोहतगी ने अदालत से कहा कि आधार कार्ड योजना पर पांच हजार करो़ड रूपये खर्च हो चुके हैं और सामाजिक कल्याण योजनाओं तथा सब्सिडी योजना को आधार कार्ड से जो़ड दिया गया है।