बल्लियों पर झूल रहे बिजली के तार

*शहर से जुड़े 15 गांवों में नहीं लगे हैं खम्भे
*कई उपभोक्ता विद्युत कनेक्शन को हो रहे परेशान

झाँसी। शहर से जुड़े 15 गांवों में बल्लियों पर बिजली के तार झूल रहे हैं। बरसात के मौसम में झूलते विद्युत के तार आम जनमानस के लिये खतरा बने हुये हैं। जबकि विद्युत विभाग द्वारा इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार द्वारा करोड़ों रूपये विद्युत व्यवस्था के लिए विभाग को भेजा जाता है। शहर के 15 गांवों की स्थिति सुधारने के लिये नगर निगम व बिजली विभाग दोनों को विद्युत पोल व प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है।
लेकिन यह दोनों विभाग अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। कई गांवों में आज भी बल्लियों पर विद्युत तारों को बांधे हुये देखा है। लोग बिजली व्यवस्था के लिए बल्लियां गाढ़कर अपने घरों तक बिजली की व्यवस्था कर रहे हैं, जबकि विभाग द्वारा इन लोगों को विद्युत संयोजन दे दिया जाता है लेकिन इनके लिए विद्युत पोलों की व्यवस्था नहीं की जाती। जबकि विद्युत विभाग के अधिनियमों में लिखा है कि जब विद्युत पोल की व्यवस्था नहीं है तब तक अधिक दूरी तक विद्युत तार उपभोक्ताओं के घर तक नहीं होना चाहिए, लेकिन देखा जाता है कि विद्युत पोल से 200 मीटर तक लोगों के घरों तक विद्युत तार पहुंच रहे हैं, जो जनजीवन के लिये खतरा साबित हो सकते हैं। हालांकि विगत 2012-13 में विद्युत रोल तार क्षेत्रों में लगना शुरू हुये थे और एल्युमोनियम के नंगे तारों को निकाला गया था। लेकिन कुछ क्षेत्रों में आज भी खुले तार काम कर रहे हैं जो कभी भी टूट जाते हैं। विद्युत विभाग की योजना रोल तारों की चलायी गई थी लेकिन वह पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही है। देखा जाता है कि कई जगह अधिक वोल्टेज आने के कारण इन तारों में आग लग जाती है और धीरे-धीरे यह तार पूरी तरह जलकर टूट जाते हैं। स्थिति को सुधारने के लिए बिजली विभाग में सरकारी कर्मचारी की संख्या कम हो गई है व आउट सोर्सिंग पर रखे कर्मचारियों का कार्य संतोषजनक नहीं होने के कारण क्षेत्रों में बिजली से संबंधित समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। विद्युत विभाग द्वारा लगाये जा रहे विद्युत पोल के कार्य का शुभारंभ जल्द नहीं होने के कारण कई विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत संयोजन नहीं मिल पा रहे हैं जबकि शहर से जुड़े 15 गांवों में नगर निगम द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध शुरू हो गई हैं। नगर निगम से जुड़े इन गांवों में बिजली, पानी व सफाई की पूर्ति करना नगर निगम की जिम्मेदारी है। जबकि इन 15 गांवों का टैक्स नगर निगम में लगने लगा है। इसके द्वारा गृहस्वामियों को बिजली व्यवस्था भी संपूर्ण रुप से उपलब्ध करानी चाहिए। लेकिन इन क्षेत्रों में आज तक विद्युत पोल नहीं लगने के कारण प्रकाश व्यवस्था नहीं हो पा रही है। त्योहारों पर क्षेत्रों में रह रहे क्षेत्रवासियों को कई मीटर की दूरी से विद्युत तार डालकर बिजली की व्यवस्था करना पड़ती है, लेकिन इस मामले में विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें विद्युत चोरी के आरोप में विद्युत अधिनियम के तहत कार्रवाई कर देते हैं जबकि जिम्मेदारी विद्युत विभाग की होती है। लेकिन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते हुए जनता पर कठोर कार्यवाही की जाती है।
क्षेत्रों में ज्यादातर विद्युत विभाग के अधिकारी व क्षेत्रों में कार्य कर रहे आउट सोर्सिंग पर लगे कर्मचारी जनता को विद्युत चोरी के नाम पर डरा-धमका कर पैसे वसूलने का काम कर रहे हैं। कई गरीब इन लोगों की धमकियों का शिकार हो जाते हैं और पैसा नहीं देने पर अधिकारियों से मिलकर यह कर्मचारी बिजली चोरी की कार्रवाई करा देते हैं। आंखें बंद करके कई अधिकारी विद्युत चोरी की कार्यवाही करने में जुटे हुये हैं।

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