न दिन को चैन और न रात को सुकून

मानसून की बारिश को लेकर लोग चिंतित

श्योपुर। अब ना तो दिन को चैन है और ना रात को सुकून, उमस भरे दिन ने हालत बिगाड़ कर रख दी है। आधा जुलाई माह गुजर गया है लेकिन मानसून की झमाझम बारिश से जिला सूखा पड़ा है। गुरूवार को अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री तथा न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिन हो या रात, गर्मी से दोनों एक ही बने हुए है। सूर्य ढलने के बाद तापमापी के पारे में गिरावट तो होती है, मगर ठण्डे होते कोयले की तरह। गुरूवार के दिन की बात करें, तो सुबह से सूर्य की तपिश ने अहसास करा दिया कि दिन भर उमस के बीच गुजारना पड़ेगा। अप्रेल माह के शुरूआती दौर से शुरू हुआ आसमानी कहर मानसून का माह का कहे जाने वाले जुलाई के एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी जारी है।
तड़पा रहा मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक गर्मी में राहत के अभी कोई आसार नहीं है। जनजीवन को मानसून की झमाझम बारिश का इंतजार है, जो माहौल को ठण्डा करें, लेकिन मानसून का इंतजार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि माहौल तो पूरी तरह बारिश का है, लेकिन बारिश न होने की स्थिति समझ से परें हैं।
जिले में 117 मि.मी. औसत बारिश
श्योपुर जिले की तहसील श्योपुर, कराहल और विजयपुर के क्षेत्र में 15 जुलाई तक 117 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 69.3 मि.मी. वर्षा हुई थी। अधीक्षक भू अभिलेख एसके तोमर ने बताया कि श्योपुर जिले की तहसील श्योपुर के अंतर्गत 127.5 मि.मी., विजयपुर के क्षेत्र में 124.0 मि.मी. और कराहल के क्षेत्र में 99.5 मि.मी. कुल 351 मि.मी. वर्षा हुई हैं। इस प्रकार से गत दिवस तक जिले में 117 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है।
इनका कहना है
मानसून का बिगड़ता स्वरूप पर्यावरण असंतुलन इसका प्रमुख कारण है। जिसके चलते मौसम की समयावधि बदल सी गई है। बारिश का मौसम है, लेकिन ना आने की स्थिति समझ से परें है।
रमेश शर्मा मौसम पर्यवेक्षक, श्योपुर

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