पुलिस ने माँ-बेटी को सड़क पर पटक-पटककर पीटा

इंदौर में जज की स्टेनो है पीडि़ता
शिवपुरी। बिना हेलमेट लगाए स्कूटी चलाकर ले जा रही एक युवती को पुलिस ने रोका। इस बात को लेकर युवती और पुलिस में विवाद हो गया। विवाद के बाद महिला पुलिस ने स्कूटी चालक युवती और उसकी माँ को सड़क पर ही लात-धूसों और डंडों से पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया।
चिंताहरण मंदिर के सामने रविवार की शाम महिला पुलिस का जालिम और बहशियाना चेहरा उजागर हुआ। इंदौर में किसी जज की स्टेनो उमा नायक और उनकी माँ विमला नायक को महिला पुलिस कर्मियों ने लगभग आधा घंटे तक लातों, घूसों और डंडों से बुरी तरह पीटा और लहूलुहान कर दिया। पीडि़ता के अनुसार इस मारपीट का नेतृत्व उपनिरीक्षक कोमल परिहार ने किया। यही नहीं महिला पुलिस ने होशियारी दिखाते हुए खुद के बचाव में अपनी निर्भया गाड़ी का कांच भी फोड़ दिया और पीडि़ता के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कराने के उद्देश्य से यह अपराध उमा नायक के खाते में डाल दिया। महिला पुलिसकर्मियों ने होशियारी दिखाते हुए पुलिस द्वारा की गई मारपीट को छोड़ अपना बचाव करती पीडि़ता और उसकी माँ का वीडियो भी तैयार किया। उमा नायक को बेरहमी के साथ पकड़कर थाने लाया गया और समाचार लिखे जाने तक उमा के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चिंताहरण मंदिर के सामने एसआई कोमल परिहार अपनी महिला पुलिस सहयोगियों के साथ बिना हेलमेट लगाए दुपहिया वाहन चला रहीं महिलाओं के चालान कर रही थीं। उसी समय उमा नायक अपनी छोटी बहिन के साथ एक्टिवा गाड़ी से बिना हेलमेट लगाए वहां से गुजरीं तो एसआई परिहार ने पुलिसिया लहजे का परिचय देते हुए उनकी गाड़ी से चाबी खींच ली। इस पर उमा का उनसे विवाद हो गया और यह विवाद इतना बढ़ा कि एसआई कोमल परिहार ने तेस में आकर उमा नायक को चांटा जड़ दिया। यह देखकर उमा भी अपना आपा खो बैठी और उसने भी कोमल परिहार को चांटा मार दिया। बस फिर क्या था कोमल परिहार और उनके साथ मौजूद महिला पुलिस ने बीच सड़क पर उमा नायक की बुरी तरह पिटाई लगाई और उन्हें मार-मारकर जमीन सुंघा दी। यह देखकर जब उनकी माँ विमला नायक वहां आईं तो बकौल विमला, पुलिस ने उन्हें भी बुरी तरह पीटा। लगभग आधा घंटे तक पिटाई करने के बाद उमा नायक को निर्भया वाहन में पटककर कोतवाली लाया गया।