बिना 'ऑक्सीजन' चल रहा हैड इन्जरी विभाग

व्यवस्थाएं ध्वस्त, नहीं मिल रहा मरीजों को उपचार
मामला जयारोग्य अस्पताल का

ग्वालियर। जयारोग्य अस्पताल में स्थित न्यूरोलॉजी के हेड इंजरी विभाग में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के लिए ढाई माह बाद भी उचित व्यवस्थाएं नहीं हैं। इससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि हैड इंजरी (सिर की चोट)से पीडि़त मरीजों को उचित उपचार उपलब्ध कराने के लिए इस विभाग का उद्घाटन लगभग ढाई माह पूर्व 25 अप्रैल को हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के मुख्य आतिथ्य में किया गया था। उस समय कहा गया था कि अब सिर में चोट लगने वाले गंभीर मरीजों का एक ही छत के नीचे बेहतर उपचार किया जाएगा। लेकिन इस विभाग में अभी तक ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा सके। इस विभाग में मरीजों को सबसे पहले ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, लेकिन यहां न तो सेन्ट्रल ऑक्सीजन है और न ही स्थाई ऑक्सीजन सिलेन्डर की कोई व्यवस्था है। वहीं मरीजों के परिजनों के लिए बैठने के लिए स्टूल तक नहीं है, जिसके कारण मरीजों के परिजन या तो जमीन पर बैठते हैं, या फिर उन्हें मरीज के साथ पलंग पर ही बैठना पड़ता है।
बीस लाख में हुआ था निर्माण
हैड इन्जरी विभाग का निर्माण करीब 20 लाख रूपए में कराया गया था। इस विभाग में ना तो कोई स्टॉक रजिस्टर या मेडीसिन रजिस्टर रखा गया है। विभाग की स्थिति इतनी गंभीर है कि यदि कोई मरीज यहां भर्र्ती होने के लिए आता है तो उसे लाने के लिए कोई भी कर्मचारी नहीं है। मरीज के परिजनों को खुद ही अपने मरीज को लेकर जाना पड़ता है।


इनका कहना है


'हैड इंजुरी विभाग में कोई भी गंभीर मरीज नहीं आता, ऐसे
मरीज ट्रोमा सेन्टर में जाते हैं, मैं अभी मरीज देख रहा हूं आप मुझसे सुबह अस्पताल में आकर बात कर सकते हैं। फोन पर आपको कोई जानकारी नहीं दे सकता हूं।'
डॉ. अविनाश शर्मा
न्यूरो सर्जन, हैड इंजुरी विभाग

'अभी सेन्ट्रल ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है, किसी मरीज को अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए ऑक्सीजन सिलेन्डर की व्यवस्था करवा दी जाती है, फर्नीचर ऑर्डर कर दिया गया है, जल्द से जल्द स्टूल की व्यवस्था हो जाएगी।'
डॉ. जे.एस. सिकरवार
अधीक्षक, जयारोग्य अस्पताल

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