Home > Archived > रैगिंग ली तो आईपीसी की धाराओं में होगी कार्रवाई

रैगिंग ली तो आईपीसी की धाराओं में होगी कार्रवाई

ग्वालियर। किसी भी शैक्षणिक संस्थान या छात्रावास में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों के साथ किया गया ऐसा बर्ताव जिससे पीडि़त छात्र को शारीरिक या मानसिक आघात पहुंचता है और उसका विपरीत प्रभाव उसके कॅरियर पर पड़ता है तो वह रैगिंग की श्रेणी में माना जाएगा। उनके खिलाफ रैगिंग का मामला दर्ज किया जाएगा और इसे अपराध माना जाएगा। यही नहीं संबंधित कॉलेज और संस्थान के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।
यह बात जिलाधीश डॉ. संजय गोयल ने मंगलवार को शहर के सभी बड़ी शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में कही। बैठक में पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्रा, एडीएम विदिशा मुखर्जी, एडिशनल एसपी दिनेश कौशल, एसडीएम महिप तेजस्वी व रिंकेश वैश्य सहित जीवाजी विवि, मेडीकल कॉलेज, सिंधिया स्कूल सहित सभी बड़ी शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
डॉ. गोयल ने कहा कि नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के साथ भी शैक्षणिक संस्थाओं में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों से रैगिंग लिए जाने की घटनाएं प्रारंभ हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी सन् 2009 में रैगिंग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका कड़ाई से पालन किया जाना सभी शैक्षणिक संस्थाओं के लिये आवश्यक है।


फ्लाईंग स्कॉट कमेटी का गठन करें
डॉ. गोयल ने कहा कि जिले में इस प्रकार की घटना घटित न हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी शैक्षणिक संस्थाओं को आगाह किया कि वे अपने आप एंटी रैगिंग कमेटियों के गठन के साथ-साथ फ्लाईंग स्कॉट जैसे अन्य कमेटियों का गठन करें। साथ ही छात्रों को रैगिंग के दुष्परिणामों से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भी रैगिंग रोकने के संबंध में अनेक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनका अध्ययन सभी संस्थायें करें।

Updated : 1 July 2015 12:00 AM GMT
Next Story
Share it
Top