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मणिपुर: 33 साल का सबसे खतरनाक हमला,  सेना प्रमुख पहुंचे इंफाल

मणिपुर: 33 साल का सबसे खतरनाक हमला,  सेना प्रमुख पहुंचे इंफाल
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मणिपुर | मणिपुर में सेना के जवानों पर हुए आतंकी हमले में 20 जवान शहीद हो गए थे। वहां के हालात का जायजा लेने के लिए सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग खुद इम्फाल पहुंचे हैं।
इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी आपात बैठक बुलाई है जिसमें मणिपुर के हालातों पर चर्चा की जाएगी।
खबरों के मुताबिक माना जा रहा है कि उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई का एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा और म्यांमार से भी उग्रवादी संगठनों पर कार्रवाई के लिए कहा जाएगा।
गौरतलब है कि मणिपुर के चंदेल जिले में विद्रोहियों ने सेना के एक काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया था जिसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि 11 अन्य घायल हुए थे।
इस हमले की जिम्मेदारी उल्फा समेत चार आतंकी संगठनों ने ली है। हमले के बाद मणिपुर से सटे अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर को सील करने का आदेश दे दिया गया है। इस हमले की जांच एनआईए करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना पर हुए इस हमले की निंदा की है। पिछले एक दशक के दौरान देश में भारतीय सेना पर हुए हमलों में इसे सबसे भीषण हमला माना जा रहा है।
सेना की 6-डोगरा रेजीमेंट का एक दल सुबह के समय सड़क की नियमित गश्त पर था। सेना का काफिला जब पारालांग और चारोंग गांव के बीच एक स्थान पर पहुंचा, तभी विद्रोहियों ने घात लगाकर हमला कर दिया।
सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों ने सबसे पहले काफिले के चार वाहनों पर रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला किया, जिसमें काफिले के पहले वाहन में आग लग गई। सेना का यह काफिला चंदेल से इंफाल की ओर जा रहा था।
हमलावरों ने इसके बाद अचानक ही स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इस हमले में शहीद हुए ज्यादातर जवानों के शव जले हुए हैं।

Updated : 5 Jun 2015 12:00 AM GMT
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