देश को दूसरी कृषि क्रांति की ज़रूरत: मोदी
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रांची | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारीबाग जिले के बरही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने एक सभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि शरीर के अंदर क्या कमी आई है उसका पता पहले लगाया जाता है फिर दवाई दी जाती है, जैसे शरीर का स्वभाव है वैसा ही धरती माता का स्वभाव है। जैसे हम अपनी चिन्ता करते हैं वैसे ही हमें धरती माता की चिन्ता करना चाहिए।आज हमारे पास जितने पशु हैं, उसकी तुलना में दूध उत्पादन कम है जबकि दुनिया में कम पशु होने के बाद भी दूध का उत्पादन ज्यादा है। हमें इन हालातों को पलटना होगा। डेयरी के क्षेत्र में झारखंड को आगे बढाना होगा। हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, कृषि के विकास से किसान की जेब भरेगी। हमारे देश ने प्रथम कृषि-क्रांति देखी है, अब समय की मांग है कि देश में दूसरी कृषि क्रांति बिना विलंब होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, आज झारखंड और दक्षिण बिहार के लोग इस सभा में आए हैं। पीएम ने कहा, पूर्वी भारत में दूसरी कृषि क्रांति की संभावना है। खेती को आधुनिक बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, बढ़ती जनसंख्या का कारण जमीन घट रही है और छोटे-छोटे टुकड़ों पर खेती हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कृषि उत्पादन बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि हम किसानों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा, कृषि के क्षेत्र में भारत दुनिया से बहुत पीछे है और किसानों को फसलों का सही दाम मिले यह भी जरूरी है।