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योग से पाएं मन पर काबू: दुबे

दतिया। योग चित्त वृत्तियों का निरोध है अर्थात इससे चंचल मन पर काबू पाया जा सकता है। यह बात प्रसिद्ध समाजसेवी एवं सेवा निवृत्त चिकित्सक, रामदेव बाबा आश्रम से जुड़े डॉ. ओपी दुबे ने स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर उनाव रोड पर आयोजित 4 दिवसीय योग शिविर के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने बताया कि यह स्थूल शरीर में दो प्रकार की इन्द्रियां होती हैं 1-कर्मेन्द्रयॉ 2-ज्ञान इन्द्रियां। ज्ञान इन्द्रियों के निर्देशन में ही कर्मेन्द्रयां काम करती हैं। शरीर में मन, आत्मा जो तत्व होते हैं उनमें मन चंचल होता है।
यह कहीं भी और कभी भी उदण्ड होकर भागने प्रयत्न करता है। पर इस पर नियंत्रण आत्मा करती है।
आत्मा गलत को गलत और सही को सही। यनि ठीक तराजू जैसा काम करती है और नियंत्रण करने के लिए योग आवश्यक है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग और सांस-प्रस्वांस को ठीक रखने के लिए प्राणायाम जरूरी है। योग वाह्य अंगों का व्यायाम करता है तो प्राणायाम आन्तरिक अंगों का व्यायाम करता है। इससे हमारा, आपका व सबका जीवन सुखमय व्यतीत होता है। इस अवसर पर संस्था की प्रधानाचार्य श्रीमती कृष्णाकांति, हरिओम सिंह, राधारमण समाधिया धीरेन्द्र गुप्ता, श्रीमती मंजू गुप्ता, श्रीमती सुचि़त्रा गौर, धीरेन्द्र जोशी, कविता ताम्रकार आदि लोग उपस्थित थे।

Updated : 19 Jun 2015 12:00 AM GMT
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