प्याऊ को लेकर हुआ नपा में हंगामा सीट छोड़कर भागीं नगरपालिका अध्यक्ष


अशोकनगर | नगरपालिका परिषद की बैठक बुधवार को परिषद के सभागार कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में शहर में चल रहीं प्याऊ को लेकर प्रतिपक्ष ने तीखे हमले किए। इसका नपाध्यक्ष और समर्थक पार्षदों ने जबाव दिया। इस दौरान हंगामा बढ़ गया। जिससे नपाध्यक्ष बैठक छोड़कर चलीं गईं। बैठक की शुरूआत में फिल्टर प्लांट पर करंट से मृत हुए कर्मचारी को श्रद्धांजली दी गई। इसके बाद बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा शुरू हुई। विपक्ष ने शुरू से ही आक्रामक हमले शुरू कर दिए।
शुरूआत नेता प्रतिपक्ष अनीता जैन ने नगरपालिका द्वारा शहर में संचालित की जा रहीं प्याऊ के मामले से की। उनका आरोप था कि नपा ने लाखों रुपये का ठेका स्थाई और चलित प्याऊ का दिया है। लेकिन प्याऊ में गंदा पानी दिया जा रहा है। जिसका अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने समर्थन किया और नपाध्यक्ष व सीएमओ के जबाव के दौरान बीच-बीच में टोका टाकी शुरू कर दी। इससे हंगामे की स्थिति बन गई। कांग्रेसी पार्षदों का कहना था कि ज्यादातर प्याऊ के आसपास कूड़ा कचरा डला हुआ है। नियमानुसार प्रत्येक स्थाई प्याऊ पर 15 से 20 मटके होना चाहिए। जबकि वहां एक भी मटका नहीं है। वहां पानी के लिए टंकी रखी गई है वह भी खुली है। जिसमें कीडे मकोड़े एवं कीचडय़ुक्त पानी भरा हुआ है। जो कि लोगों के पीने के योग्य नहीं है। इस बात का जबाव अध्यक्ष द्वारा दिया गया लेकिन इससे नेता प्रतिपक्ष संतुष्ट नहीं हुईं और उन्होंने नए सवाल खड़े किए। सबूत के तौर पर बैठक के दौरान श्रीमति जैन ने प्याऊओं के लिए नपा द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में लिखे नियम एवं प्याऊ में रखा गंदे पानी की फोटो पार्षदों, अध्यक्ष व मीडिया कर्मियों को दिखाए। जिससे अध्यक्ष भी नाराज हो गई और वह बैठक बीच में ही छोड़कर चली गईं। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा भी नहीं हो पाई। इस दौरान कई कांग्रेसी पार्षदों ने बैठक के एजेंडे में लिखे पीआईसी के पारित संकल्प बिंदु पर भी आपत्ती जताई। पार्षदों का कहना था कि पीआईसी में कौन से प्रस्ताव पारित हुए हैं। यह जानकारी परिषद के सभी पार्षदों को बताना चाहिए। इस बिंदु पर कई कांग्रेसी पार्षदों ने अपना विरोध भी दर्ज कराया और पार्षद सीएमओ के रुम में विरोध दर्ज कराने पहुंच गए। इसके अलावा बैठक में इंदिरा पार्क व गांधी पार्क को छोटा करने पर चर्चा की गई। जिसमें इंदिरा पार्क पर कई पार्षदों ने सहमति नहीं जताई जबकि गांधी पार्क को छोटा करने पर पार्षद वहां लगे पेड़ों को न काटा जाए इसकी मांग करते रहे। इसके अलावा शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए मुहिम, गांधी पार्क से स्टेशन रोड तक गेट बनवाने, पुराने सामान की नीलामी पर भी चर्चा की गई।

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