जनमानस
मानवता शर्मसार
विगत दिनों होशंगाबाद के मेदाखेड़ा गांव में एक प्रेमी युगल को गांव वालों ने प्रेम-प्रसंग के मामले में इतनी कठोर सजा दी, जिसमें मानवता शर्मसार हुई। प्रेमी युगल के साथ ग्रामीणों व घर वालों ने जो बर्ताव किया, उसे सुनकर हृदय दहल उठा। पहले तो प्रेमी युगल की डंडों से पिटाई की गई, फिर बाल काटे गए और जूतों का हार पहनाकर पूरे गांव में जुलूस के रूप में घुमाया गया। इतनी सजा देने के बाद भी इनका मन नहीं माना, पूरे गांव के लोगों के सामने लोहे के गर्म सरिए से उनका शरीर व चेहरा दाग दिया गया। इस प्रेमी जोड़े को मूत्रपान तक करने हेतु विवश किया गया। इस घटना ने मानवता की सभी हदें पार करके व्यक्तिगत स्वतंत्रता का खुल्लम-खुल्ला मखौल उड़ाया है। समाज के कथित ठेकेदार इस तरह के क्रूर कृत्य करके आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं। ग्रामीण अंचलों में इस तरह की खौफनाक सजाएं देना प्रशासन के मुँह पर खुला तमाचा है। प्रशासन को ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करना चाहिए। भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। प्रेम-प्रसंग के खिलाफ इस तरह शर्मसार करने वाले कृत्य किसी भी हालत में जायज नहीं ठहराए जा सकते। कानून अपना काम करेगा, तथाकथित राक्षस प्रवृत्ति वाले ठेकेदार अपना हुक्म जबरदस्ती न लादें। व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला करना मानव के खिलाफ है। हमारा जागरूक समाज भी इस तरह के खौफनाक फैसलों पर लगाम लगाए।
सुभाष सकलेचा