पंचायत में साल भर से बंद पड़े काम लकड़ी बेचकर पेट भर रहे मजदूर

पहले स्थानांतरण, फिर चुनाव और अब आरटीजीएस की वजह से नहीं हो पा रहे काम
कराहल। पहले पंचायत सचिवों ने स्थानांतरण के नाम पर अलाली काटी, बाद में चुनाव को लेकर काम पर ध्यान नहीं दिया और अब हालात यह है कि आर.टी.जी.एस. के नाम पर काम की अनभिज्ञता जाहिर कर काम बंद पड़े है। इसका खामियाजा कराहल क्षेत्र के मजदूरों को उठाना पड़ रहा है, जिन्हें काम ना मिल पाने के चलते वे लकड़़ी बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।जानकारी के मुताबिक कराहल जनपद की सभी 50 पंचायत में इन दिनों सचिव अपने काम से मुंह फेरकर अलाली काटने में व्यस्त है तथा शासन द्वारा संचालित योजनाओं के क्र्रियान्वयन में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। इसके चलते एक साल से पंचायतों में निर्माण कार्य की शुरूआत नहीं हुई है। निर्माण कार्य ना होने से मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है, तो उनके भूखों मरने की नौबत आ गई है। ऐसे में हालात से समझौता कर मजदूर भरी गर्मी में जंगल से लकड़ी लाकर बेचते हुए अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।आर.टी.जी.एस. से जताई अनभिज्ञताजानकारी के मुताबिक कराहल पंचायतों के सचिव आर.टी.जी.एस. से अनभिज्ञता जताते हुए काम से बच रहे हैं। इस कारण पंचायतों में निर्माण कार्य की शुरूआत नहीं हो पा रही है, नतीजतन आदिवासी मजदूर बेकार घूम रहे हैं।क्या कहते हैं मजदूरकाफी समय से काम नहीं मिला है, जो बचत थी वो भी खत्म हो चुकी है। ऐसे में पेट पालने के लिए जंगल से लकड़ी लाकर बेच रहे हैं।काशीराम आदिवासीग्रामीण, गांव रानीपुरापंचायत द्वारा निर्माण काम शुरू नहीं कराने से काम नहीं मिल रहा। जानकारी लेने पर जल्द ही काम आने की बात करते हैं। साल भर गुजर गया है। ऐसे में कुछ ना होने पर जंगल से लकड़ लाकर बेचने को मजबूर है।लालाराम आदिवासीग्रामीण, गांव अदवाड़यह कहा अधिकारियों नेयदि सचिव को काम में कोई परेशानी आ रही है, तो वे मुझसे मिले। उनकी समस्या निपटाई जाएगी।पीएन स्वामीसीइओ, जपं कराहल

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